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बरेली की निकली घर से भागी किशोरी, दाए पैर में जंजीर बांधकर कर रही थी बस में यात्रा, जानिए पूरा मामला

रोडवेज बस से उतारी गई किशोरी के घर का पता मिल गया। चाइल्ड लाइन की सूचना पर उसके पिता भी मंगलवार दोपहर यहां पहुंच गए। हालांकि कुछ अभिलेख कम होने के कारण बाल कल्याण समिति ने सुपुर्दगी में देने से इन्कार कर दिया।

By Ravi MishraEdited By: Published: Wed, 29 Sep 2021 05:38 PM (IST)Updated: Wed, 29 Sep 2021 05:38 PM (IST)
बरेली की निकली घर से भागी किशोरी, दाए पैर में जंजीर बांधकर कर रही थी बस में यात्रा, जानिए पूरा मामला
बरेली की निकली घर से भागी किशोरी, दाए पैर में जंजीर बांधकर कर रही थी बस में यात्रा

बरेली, जेएनएन। रोडवेज बस से उतारी गई किशोरी के घर का पता मिल गया। चाइल्ड लाइन की सूचना पर उसके पिता भी मंगलवार दोपहर यहां पहुंच गए। हालांकि कुछ अभिलेख कम होने के कारण बाल कल्याण समिति ने सुपुर्दगी में देने से इन्कार कर दिया। अब बुधवार को वह अपने घर जाएगी।

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सोमवार शाम करीब छह बजे शाहजहांपुर से हरदोई जा रही रोडवेज बस में सवार किशोरी टिकट बनाते समय कंडक्टर देवेंद्र प्रताप सिंह से झगड़ने लगी थी। उसके दायें पैर में लोहे की जंजीर बंधी होने पर कंडक्टर ने रामचंद्र मिशन थाने में पुलिस के हवाले कर दिया था। इसके बाद किशोरी को चाइल्ड लाइन टीम के सुपुर्द कर दिया गया। जहां उसने अपना नाम नाम प्रिया, पिता का नाम नरेश निवासी रामपुर रोड गत्ता फैक्ट्री हल्द्धानी बताया था। मेडिकल कराने के बाद टीम उसे वन स्टाप सेंटर ले आई थी।

मंगलवार को काफी देर तक पूछताछ के बाद किशोरी ने अपना मोबाइल नंबर बताया, जब उस पर चाइल्ड लाइन प्रभारी विनय कुमार ने काल की तो नंबर बरेली कस्बे के कोतवाली क्षेत्र के बिहारीपुर सिकलापुर निवासी सुरेश कुमार का निकला। सुरेश ने बताया कि वह सोमवार को काम पर गए थे तब उनकी बेटी सुमन घर से चली गई थी। वह मानसिक मंदित है। इससे पहले भी कई बार घर से जा चुकी है। इसलिए पैर में जंजीर बांध देते हैं। घर पर सुमन की मां और अन्य बहनें थीं, लेकिन वह किसी तरह वहां से भागकर चली गई। उनकी बेटी शाहजहांपुर कैसे पहुंचे इस बारे में वह कुछ नहीं बता सके।

जिला प्रोबेशन अधिकारी वरुण सिंह के निर्देश पर वन स्टाप सेंटर पर किशोरी को रखा गया है। उसके पिता के पास साक्ष्य के रूप में सिर्फ राशन कार्ड था, जिसे बाल कल्याण समिति ने नहीं माना। वह बुधवार को अन्य अभिलेख लेकर आएंगे, जिसके बाद किशोरी को उनके सुपुर्द कर दिया जाएगा। विनय कुमार, चाइल्ड लाइन प्रभारी 


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