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बरेली में अपराधियों की पनाहगार बनी रेलवे पटरी किनारे बसी घुमंतू जातियों की बस्तियां

रेल की पटरियां और घुमंतुओं की बस्तियों का तानाबाना बरेली मंडल में फैला हुआ है। वारदात होती हैं.. अपराधी ऐसी ही बस्तियों में गुम हो जाया करते हैं।

By Ravi MishraEdited By: Published: Sat, 12 Sep 2020 10:32 AM (IST)Updated: Sat, 12 Sep 2020 10:32 AM (IST)
बरेली में अपराधियों की पनाहगार बनी रेलवे पटरी किनारे बसी घुमंतू जातियों की बस्तियां
बरेली में अपराधियों की पनाहगार बनी रेलवे पटरी किनारे बसी घुमंतू जातियों की बस्तियां

बरेली, अभिषेक मिश्र। रेल की पटरियां और घुमंतुओं की बस्तियों का तानाबाना बरेली मंडल में फैला हुआ है। वारदात होती हैं.. अपराधी ऐसी ही बस्तियों में गुम हो जाया करते हैं। चुनौती होती है कुख्यात हो चुकी बस्तियों से अपराधियों को पकड़ना। बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर और बदायूं जिले इन बसाहटों से अछूते नहीं है। पुलिस रिकार्ड की गवाही है कि अपराधियों की पनहगाह ऐसी बस्तियां बनी हुई है।

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सबसे ज्यादा घुमंतू जाति की बसाहट बरेली-शाहजहांपुर और बरेली-चंदौसी रेलखंड पर मिली है। जुलाई के महीने में डीआइजी रेंज कार्यालय से आॅपरेशन बंजारा चला। लक्ष्य था ऐसी ही बस्तियों को सामने लेकर आना। बरेली मंडल के अंदर 33 ऐसे गांव सामने आए। इसमें सबसे खराब स्थिति शाहजहांपुर की रही। जहां 27 घुमंतू जातियों के गांव रिकार्ड में दर्ज हुए। बदायूं और बरेली में तीन-तीन गांव मिले। इन गांवों में 61 अपराधियों का सत्यापन किया गया, जोकि पहले से पुलिस रिकार्ड में दर्ज रहे। यहां रहने वालों का एक डाटा बैंक भी तैयार किया गया है।

कुख्यात है अंगूरीटांडा

बरेली में बरेली-चंदौसी रेलखंड में रामगंगा पर अंगूरीटांडा गांव अपराध के लिए कुख्यात है। पटरी से कुछ दूरी पर बसे इस गांव से कई वर्षों से कुख्यात बदमाश जरायम की दुनिया में आते रहे हैं। कई बार बरेली के अलावा दूसरे जिले में हुई वारदात के बाद अपराधी इन्हीं गांवों में आकर छिपे और पकड़े गए। अंक्षाश-देशान्तर देखकर गूगल पर दर्ज हुए ये गांव इज्जतनगर के परतापुर जीवन सहाय और सिरौली को घुमंतुओं के लिए चिन्हित किया गया। इन गांवों को घुमंतू जाति के लोगों का स्थाई ठीकाना माना गया। ऐसा पहली बाहर हुआ कि इन गांवों को गूगल मैप पर अंक्षाश-देशान्तर के मुताबिक अपलोड किया गया। एक डिजीटल मैपिंग का प्रयास किया गया।

गांव चिन्हित और बदमाशों का सत्यापन

जिला रेलवे स्टेशन, हाल्ट बरेली (विभाग के मुताबिक इतने स्टेशन और हाल्ट की जांच होती रही) पटरी किनारे ठिकाने, तार तक चोरी कर ले जाते हैं बरेली-चंदौसी रेलखंड पर बिशारतगंज विद्युतीकरण के निर्माणों में कई किमी लंबी विद्युत लाइन चोरी होती रही। कई बाद पेड्रोल क्लिप भी गायब हुई, उसका शक आस-पास के गांवों के लोगों पर ही जाता रहा। आरपीएफ ने कई गिरफ्तारियां भी की। लेकिन वारदातें अभी जारी है।

जुलाई के महीने में हमने अभियान चलाया। घुमंतू जाति की बसाहट, उनकी अापराधिक प्रवृत्ति पर। हमें काफी सफलता मिली। कुछ गिरफ्तारी हुई। पहली बार ये गांव गूगल पर अपलोड हुए। इन बस्तियों से अपराध को खत्म करने के लिए हमारा प्रयास जारी है। - राजेश पांडेय, डीआइजी

बरेली रेंज यह सही है कि चंदौसी रेलखंड पर विद्युत तार समेत रेलवे की संपत्तियों को इन्हीं बदमाशों से खतरा रहता है। पेट्रोलिंग बढ़ाने के साथ मुखबिर तंत्र ही हमारा मददगार होता है। ये गांव हमारे भी रडार पर है। - विपिन शिशोदिया, प्रभारी निरीक्षक आरपीएफ 


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