Move to Jagran APP

बरेली में रेमडेसीवीर दवा के नाम पर हो रही लूट, संक्रमित के बेटे से वसूले 16 हजार

कोरोना काल में निजी अस्पताल पैसा कमाने का कोई तरीका छोड़ना नहीं चाहते। पीपीई किट से शुरू हुई उगाही की शिकायत अब रेमडेसीवीर इंजेक्शन तक पहुँच गई है।

By Ravi MishraEdited By: Published: Tue, 01 Sep 2020 05:50 AM (IST)Updated: Tue, 01 Sep 2020 07:52 AM (IST)
बरेली में रेमडेसीवीर दवा के नाम पर हो रही लूट, संक्रमित के बेटे से वसूले 16 हजार

बरेली, जेएनएन। कोरोना काल में निजी अस्पताल पैसा कमाने का कोई तरीका छोड़ना नहीं चाहते। पीपीई किट से शुरू हुई उगाही की शिकायत अब रेमडेसीवीर इंजेक्शन तक पहुँच गई है। शहर के हार्टमैन कॉलेज के पास रहने वाले युवक का आरोप हैं कि चिकित्सकों की लापरवाही और इलाज के अभाव में उनके पिता की मौत हो गई। उन्होंने आरोप लगाया कि इलाज के दौरान उनसे रेमडेसीवीर इंजेक्शन के लिए अस्पताल में 16 हजार रुपये लिए गए है। इसके बाद भी पिता की 15 अगस्त को मौत हो गई।

loksabha election banner

शहर के हार्टमैन कालेज के पास रहने वाले गौरव ने बताया कि पिता को मामूली जुकाम था। दवा दिलाने के लिए अस्पताल गए थे। वहां जांच की गई तो वह पॉजिटिव पाए गए। शहर के एक कोविड एल-3 अस्पताल में उन्हें भर्ती कराया गया। जहां सरकारी तौर पर उनका इलाज शुरू हुआ। सात अगस्त को उन्हें बताया गया कि पिता की तबीयत ठीक नहीं हुै उन्हें कुछ इंजेक्शन देने हैं।

गौरव ने बताया कि रेमडेसिवीर नामक के सात इंजेक्शन के लिए 25 हजार रुपये मांगे गए। उन्होंने जब इस पर सवाल किए तो वह लोग 16 हजार रुपये पर मान गए। गौरव ने बताया कि पिता की देखरेख, खानपान की भी कोई व्यवस्था नहीं थी। इसके चलते 15 अगस्त को पिता की मौत हो गई। इसके एक दिन पहले से ही उनका मोबाइल बंद करवा दिया गया था। जबकि उनकी मौत के बाद जब मोबाइल मिला तो वह पूरी तरह चार्ज था। गौरव ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत करते हुए मामले की जांच की मांग की है।

सीएमओ डा. विनीत शुक्ला ने मामला संज्ञान में आने के बाद जांच के आदेश दिए हैं। दो अगस्त को भेजी गई थी रेमडेसिवीर दवा रेमडेसिवीर दवा के सफल प्रयोग के बाद सभी जिलों को रेमडेसिवीर दवा उपलब्ध करा दी गई थी। एक अगस्त को जिले में सौ शीशी दवा भेजी गई, जिसे स्वास्थ्य विभाग ने दो और तीन अगस्त को तीनों कोविड अस्पतालों को वितरित कर दिया गया था। इसके बाद 640 रेमडेसिवीर दवा भेजी गई, जिसे एल-3 अस्पतालों को 35-35 फीसद जबकि एल-2 अस्पताल को 30 फीसद दी गई।

दो दिन पहले शासन से जिले को 40 शीशी और मुहैया कराई गई हैं। एंटीजन किट में भी हुआ था खेल जिस तरह रेमडेसिवीर की शिकायत आई, इसी तरह एंटीजन टेस्ट किट से जांच के नाम पर प्राइवेट अस्पताल वसूली कर रहे थे। इसकी शिकायत मिलने के बाद जांच में यह खेल पकड़ा गया था। इसके बाद पांच दिन के लिए निजी अस्पतालों में एंटीजन टेस्ट किट की सप्लाई रोक कर सभी अस्पतालों को हिदायत दी गई थी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.