पत्नी और ससुर की चाल में फंसा दारोगा, फर्जी आदेश को मान बैठा सच Bareilly News
दारोगा को इस पर शक हुआ कि एक मामले में दो आदेश कैसे हो सकते हैं। उन्होंने जन सूचना अधिकार के तहत बरेली पुलिस से जवाब मांगा।
बरेली, जेएनएन : जिले के कई थानों में तैनात रह चुके दारोगा नीरज धामा ने अपनी पत्नी व ससुर के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया है। आरोप है कि दोनों हर्जा-खर्चा का फर्जी आदेश बनाकर दारोगा के वेतन से रुपये कटवाते रहे।
गोल्डन ग्रीन पार्क में रहने वाले दारोगा नीरज धामा 2013-14 में बरेली में तैनात थे। उनका बिजनौर की चंद्रलोक कालोनी निवासी पत्नी आरती से घरेलू विवाद चल रहा है। उसी दौरान आरती ने अदालत में भरण पोषण का वाद दायर किया जिसके बाद अदालत ने आठ हजार रुपये प्रतिमाह हर्जा-खर्चा देने का आदेश दिया।
आरोप है कि वर्ष 2013 में ही आरती ने अपने पिता तारा सिंह के साथ मिलकर बिजनौर की एक अदालत का एक और फर्जी आदेश तैयार किया। इसे बरेली के एसएसपी को दे दिया।
उसे सही मानकर जून 2013 से जनवरी 2014 तक दारोगा के वेतन से रिकवरी होती रही। दारोगा को इस पर शक हुआ कि एक मामले में दो आदेश कैसे हो सकते हैं। उन्होंने जन सूचना अधिकार के तहत बरेली पुलिस से जवाब मांगा। इसके बाद जब पत्रावलियां निकलवाई गईं। दारोगा ने पहले वाला आठ हजार रुपये कटौती वाला आदेश भी दिखाया।
इसके बाद बिजनौर की अदालत का आदेश चेक कराया गया तो पता चला कि न्यायालय ने ऐसा कोई आदेश ही नहीं किया है। दारोगा का कहना है कि आरती व उनके पिता ने मिलकर षडयंत्र रचकर अदालत का फर्जी आदेश बनाकर उनके वेतन से रिकवरी करवाकर उनके रुपये हड़प लिए। दारोगा ने एडीजी के यहां शिकायत की। जिनके आदेश पर कोतवाली पुलिस ने आरती व उनके पिता तारा सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया। अब दारोगा किसी दूसरे जिले में तैनात हैं।