25 साल सोते रहे अफसर, राष्ट्रपति के नाम जमीन पर बन गया पार्क Bareilly News
शायद इसी को सरकारी ढर्रा कहते हैं। राष्ट्रपति और डाकघर के नाम दर्ज जमीन पर 25 साल पहले लोगों ने पार्क बना डाला। पक्के कमरे बनाकर विवाह कार्यक्रम करना शुरू कर दिया।
बरेली, जेएनएन : शायद इसी को सरकारी ढर्रा कहते हैं। राष्ट्रपति और डाकघर के नाम दर्ज जमीन पर 25 साल पहले लोगों ने पार्क बना डाला। पक्के कमरे बनाकर विवाह कार्यक्रम करना शुरू कर दिया। डाक विभाग और प्रशासन के अफसर ढाई दशक तक सोते रहे। अब डाकघर बनाने को लेकर कवायद शुरू हुई, तब पता चला कि जमीन पर पार्क बन चुका है। एसडीएम आंवला ने जांच कर रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेजी है।
मामला बिशारतगंज ग्राम सभा का है। यहां पर 1983 में 420 वर्ग गज जमीन डाकघर को उपलब्ध कराई गई थी। अभिलेख में यह राष्ट्रपति भारत सरकार और डाक विभाग के नाम चढ़ी है। इस पर डाकघर बनना था। जब डाक विभाग को जमीन की सुध आई तो उसने इस जमीन पर हुए कब्जे को हटाने के लिए एडीएम प्रशासन को लिखा। एडीएम ने एसडीएम आंवला को निर्देश दिए।
पार्क में पक्के कमरे, होती हैं शादियां
जांच की गई तो पता चला डाकघर की भूमि पर 25 साल से पार्क बना हुआ है। पक्के कमरे भी बने हैं और विवाह आयोजन होते हैं। प्रशासन के लिए यह कब्जा हटाना चुनौती बन गया है। मामला उच्च अधिकारियों के संज्ञान में भी है।
मामले की जांच रिपोर्ट भेज दी गई है। इसको लेकर उच्चाधिकारियों के जो भी निर्देश होंगे, उसी के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। -अरुण कुमार सिंह, एसडीएम आंवला