पांच दिन खुलेगा बाजार मगर दायरे के साथ
प्रदेश सरकार का निर्देश और व्यापारियों की मांग पर जिला प्रशासन पांच दिन के लिए बाजार खोलने की छूट दे सकता है मगर कुछ बंदिशों में रहना होगा। सोमवार को उन सभी बिंदुओं पर विचार किया गया जोकि संक्रमण रोकने में मददगार हों और बाजार की रफ्तार बरकरार भी रख सकें।
बरेली, जेएनएन: राज्य सरकार के नोटिफिकेशन में बाजार को पांच दिन खोलने के निर्देशों के अनुपालन में प्रशासन फूंक-फूंककर कदम रख रहा है। वजह है कि जिले में कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है। ऐसे में बाजार की भीड़ हालात नई चुनौती लेकर आ सकती है। प्रदेश सरकार का निर्देश और व्यापारियों की मांग पर जिला प्रशासन पांच दिन के लिए बाजार खोलने की छूट दे सकता है मगर कुछ बंदिशों में रहना होगा। सोमवार को उन सभी बिंदुओं पर विचार किया गया, जोकि संक्रमण रोकने में मददगार हों और बाजार की रफ्तार बरकरार भी रख सकें। इसका अंतिम प्रारुप मंगलवार को व्यापारियों के साथ ऑनलाइन बैठक के बाद तय होगा। जिसमें डीएम नितीश कुमार व सीडीओ चंद्रमोहन गर्ग सभी से मशवरा करेंगे। इसके बाद नया रोस्टर बुधवार से लागू किया जा सकेगा।
पहला रास्ता
जिला प्रशासन का कहना है कि पांच दिन बाजार खोलने पर विचार किया जा सकता है। व्यापारियों से विमर्श हो सकता है कि टाइम स्लॉट के साथ दुकानें खोली जाएं। मसलन, सुबह नौ बजे से लेकर दोपहर दो बजे तक दायीं तरफ की दुकानें खुल जाए। फिर दो घंटे का अंतराल कर दें, ताकि ग्राहक बाजार से कम हो जाए। इसके बाद शाम चार बजे से रात नौ बजे तक पूरे पांच घंटे बायीं तरफ की दुकानें खुल जाए। इस तरह से किसी का नुकसान भी नहीं होगा और बाजार में आने वाले लोगों पर नियंत्रण भी बना रहेगा। बैठक में इस पर विचार किया जाएगा। रजामंदी हुई तो रोस्टर में शामिल किया जा सकता है।
दूसरा रास्ता
कुछ व्यापारी भी इस बात को मानते हैं कि संक्रमण लगातार बढ़ने से उन्हें भी खतरा है मगर बाजार लगातार खुलने से ही नियमित हो सकता है। सुझाव यह भी है कि बाजार रोज खुले भले ही समय कम कर दिया जाए। सुबह नौ बजे शाम छह बजे तक का भी हो सकता है।
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बंदी के बाद रोस्टर व शारीरिक दूरी भूले
दो दिन की बंदी के बाद खुले बाजार में एक बार फिर लोगों की भीड़ टूटी। कुछ को राशन लेना था। लेकिन कई ऐसे थे, जिन्हें सिर्फ सैर सपाटा करना था। पुलिस के निशाने पर ऐसे लोग रहे। नियमों का उल्लंघन करने वालों के चालान किए गए। रोस्टर का उल्लंघन करके दुकान खोलने वालों के खिलाफ ज्वाइंट मजिस्ट्रेट और क्षेत्राधिकारी सक्रिय रहे। सुबह श्यामगंज के रेलवे गोदाम रोड पर दुकानों को खुलने को लेकर बात उठी, पुलिस पहुंची। फिर एक तरफ की दुकानें ही खुली। बाजार में दो दिन के लिए दायीं और बायीं दिशा के हिसाब से दुकान खोलने का ही रोस्टर लागू रहना है। इसलिए व्यापारियों को भी कंफ्यूजन रही। क्योंकि दो दिन बाद बाजार खुला था।
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व्यापारियों की राय :
पूरे पांच दिन बाजार खुले। रोस्टर न लागू किया जाए। बाजार को अर्थव्यवस्था के लिहाज से अव्यवस्थित करना ठीक नहीं है। सभी व्यापारियों का मंतव्य भी यही है।
- राजेंद्र गुप्ता, व्यापारी नेता हमारी यही मांग है कि बाजार को पांच दिख खुलना चाहिए। सुबह दस से सात बजे तक खुलें। बाकी दो दिन पूरी तरह से बंद किया जाए। आवश्यक वस्तु की दुकानें भी बंद रखी जाए।
- विशाल मेहरोत्रा, व्यापारी नेता बाजार में ग्राहक नहीं है। जुलाई, अगस्त और सितंबर में बाजार में डिमांड वैसे ही नहीं होती है। पांच दिन बाजार खुलना चाहिए। ताकि दुकान के कर्मचारियों को वेतन मिल सके।
- अनुपम कपूर, कपड़ा एसोसिएशन समय भले ही घटाया जा सकता है। नौ बजे से पांच बजे कर दें। लेकिन बाजार खुले हफ्ते में पांच दिन। तभी बाजार को ग्राहक मिलेगा। यही सबके हित में होगा।
- संजीव चांदना, इलेक्ट्रॉनिक बाजार श्यामगंज और कुतुबखाना में पांच दिन खुलने से भीड़ बढ़ सकती है। आधा-आधा दिन बांटकर खोली जा सकती है। ऐसे में व्यापारियों का हित भी बना रहेगा।
- पवन अरोड़ा, सदस्य, व्यापारी कल्याण समिति थोक बाजार की टाइमिंग दोपहर से हो तब भी कोई हर्ज नहीं। फुटकर व्यापारी बारह बजे तक ही थोक दुकानों पर पहुंच पाते हैं। आठ घंटे का वक्त रोज मिल जाए तो व्यापार पर असर नहीं पड़ेगा।
- भरत अग्रवाल, कपड़ा व्यापारी
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मंगलवार को व्यापारियों के साथ वेबिनॉर किया जाएगा। इसके बाद ही बाजार की नई व्यवस्थाओं को लागू किया जाएगा। हमें कोविड-19 को नियंत्रित करने के बारे में भी विचार करना है।
- नितीश कुमार, डीएम