संक्रमण न फैले इसलिए इस तरह नष्ट किया जाता है बरेली में कोविड-19 बायो मेडिकल वेस्ट
अस्पताल स्तर पर भी बायो मेडिकल वेस्ट निस्तारण के मामले में लापरवाही बरती जा रही है। ऐसे में दैनिक जागरण पता रहा है कि बरेली में किस तरह से कोविड-19 का बायो मेडिकल वेस्ट ले जाकर नष्ट किया जाता है।
बरेली, जेेएनएन। बायो मेडिकल वेस्ट से संक्रमण न फैले, इसके लिए कठोर गाइडलाइन है। इस पर कोरोना संक्रमण के बायो मेडिकल वेस्ट के लिए नियम और सख्त हैैं। बावजूद इसके आम आदमी और यहां तक कि अस्पताल स्तर पर भी बायो मेडिकल वेस्ट निस्तारण के मामले में लापरवाही बरती जा रही है। हाल में बिजली महकमे के दफ्तर के बाहर ही कोविड जांच के लिए गई टीम ने उपयोग की हुई एंटीजन टेस्ट किट सड़क किनारे ही फेंक दी थी। वहीं, लोग भी उपयोग किया हुआ मास्क बेपरवाही से इधर-उधर फेंक देते हैैं। ऐसे में दैनिक जागरण आपको बता रहा है कि बरेली में कितने एहतियात के साथ कोविड-19 का बायो मेडिकल वेस्ट ले जाकर नष्ट किया जाता है।
अस्पताल के पीले पॉलीबैग पर होती दोहरी सीलिंग
300 बेड कोविड अस्पताल में बायो मेडिकल वेस्ट उठाने वाली गाड़ी पहुंची। यहां कोविड-19 से संबंधित बायो मेडिकल वेस्ट को डबल पॉलीथिन में रखा हुआ था। अतिरिक्त सुरक्षा के लिए इसे सीलबंद किया हुआ था।
पीपीई किट पहनकर स्टाफ उठाता है मेडिकल कचरा
बायो मेडिकल वेस्ट उठाने वाला स्टाफ अस्पताल पहुंचा। सभी ने पीपीई किट पहन रखी थी। यहां पॉलीबैग के ऊपर सोडियम हाइपोक्लोराइड का छिड़काव किया। इसके बाद बैग को उठाकर बंदबॉडी गाड़ी में डाला जाता है। जिससे बायो मेडिकल वेस्ट कहीं फैले नहीं।
बंद भट्ठी में जला दिया जाता है कोविड वेस्ट
गाड़ी शाहजहांपुर स्थित बायो मेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट पहुंचती है। यहां पीपीई किट पहने हुए स्टाफ पॉलीबैग उठाकर कोविड-19 की स्पेशल ट्राली पर रखते हैैं। इस ट्राली से बायो मेडिकल वेस्ट सीधे बंद भट्ठी (इंसुलेटर) में पहुंचता है। जहां इसे जलाकर खाक कर दिया जाता है। वहीं, री-साइकिल होने वाला वेस्ट 24 घंटे के लिए धूप में रखा जाता है। इसके बाद वेस्ट पर फिर से सोडियम हाइपोक्लोराइड का छिड़काव होता है।