Meeting : कूड़ा कलेक्शन योजना बजट पर नगर निगम में होगी इसलिए तकरार Bareilly News
घरों से कूड़ा उठान न होने के पीछे नगर आयुक्त सैमुअल पॉल एन नगर निगम कार्यकारिणी और बोर्ड को जिम्मेदार ठहरा चुके हैं। पार्षद भी जवाबी हमला कर चुके हैं
जेएनएन, बरेली : घरों से कूड़ा उठान न होने के पीछे नगर आयुक्त सैमुअल पॉल एन नगर निगम कार्यकारिणी और बोर्ड को जिम्मेदार ठहरा चुके हैं। पार्षद भी जवाबी हमला कर चुके हैं कि नगर आयुक्त छवि खराब कर रहे। इस खींचतान के बीच गुरुवार को नगर निगम कार्यकारिणी समिति की पुनरीक्षित बजट बैठक दोपहर तीन बजे से होगी। रार पहले से ही चली आ रही। पिछली बार की बैठक में पुनरीक्षित बजट में खर्चो पर बेतहाशा वृद्धि किए जाने की बात कहकर पार्षद बैठक स्थगित करा चुके थे। जोकि अब दोबारा हो रही मगर, बीच कूड़े का मामला गरमाया हुआ है। कमिश्नर को पत्र लिखकर नगर आयुक्त कह चुके हैं कि कार्यकारिणी कूड़ा कलेक्शन योजना का बजट पास नहीं होने दे रही।
आज होगा कई बिंदुओं पर Discuss
कार्यकारिणी समिति के सदस्यों छंगामल मौर्य, सलीम पटवारी, अब्दुल कयूम मुन्ना, अजय चौहान, अनुपम चमन, पूनम गंगवार, रूप किशोर, शशि सक्सेना, रईस मियां अब्बासी, महलका कुरैशी व उपसभापति अतुल कपूर ने 23 अक्टूबर को हुई बैठक में पुनरीक्षित बजट के कई बिंदुओं पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने विभागवार पत्रवलियां उपलब्ध नहीं कराने को लेकर नाराजगी भी जताई। इसके बाद अपर नगर आयुक्त के कार्यालय में रोजाना विभागवार पत्रवलियों की जांच समिति के सदस्यों ने की। अब गुरुवार दोपहर तीन बजे से दोबारा पुनरीक्षित बजट की बैठक होनी है। जिसमें कई बिंदुओं पर चर्चा होगी।
छह ठेकेदारों पर नगर आयुक्त ने लिया Action
नगरायुक्त सैमुअल पॉल एन ने ठेकेदारों पर सख्ती शुरू कर दी है। मुख्य अभियंता संजय चौहान ने बताया कि नरेंद्र पाल की फर्म को एक साल को डिबार किया है। अग्रवाल की फर्म की जमानत राशि जब्त कर ली है। गुलजार को ब्लैक लिस्ट और डेजी फर्म का एग्रीमेंट को रद्द कर दिया है। इसकी तरह बाकी ठेकेदारों पर भी कार्रवाई की गई है।
Tweet कर Board से की कूड़ा जलाने की शिकायत
सुपर सिटी कालोनी में रहने वाले श्याम सुंदर दास ने सुपरसिटी कॉलोनी में कूड़ा जलाए जाने की शिकायत केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से की है। उन्होंने ट्वीट करके कहा है कि पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ तो लगातार एफआइआर की जा रही है वही रोज कूड़ा जलाने वालों को संरक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने कूड़ा जलाने के फोटो भी भेजे हैं।
Meeting में इन बिंन्दुओं पर जताई गई थी आपत्ति
निर्माण में पिछले साल 40 करोड़ का बजट था, जिसे 25 करोड़ कर दिया गया। नाला सफाई को 50 लाख से 1.70 करोड़ किया जा रहा है। डीजल का खर्च 2018-19 में 4.48 करोड़ था, जिसे बढ़ाकर मूल बजट में 5.50 करोड़ रखा गया। अब पुनरीक्षित बजट में 6.50 करोड़ किया जा रहा है।14वें वित्त आयोग में 2018-19 में 29 लाख रुपये खर्च हुए। मौजूदा साल के बजट में दो करोड़ का प्रावधान था। सितंबर तक एक रुपया खर्च नहीं हुआ। पुनरीक्षित में फिर दो करोड़ रख दिया। सीवर लाइन मरम्मत में वर्ष 2018-19 में 1.44 करोड़ खर्च था। मूल बजट में 2.50 करोड़ रखे गए, जिसमें से 1.70 ही सात माह में खर्च हुए। अब फिर 3.90 करोड़ प्रावधान किया है। प्रकाश विभाग का दो करोड़ रुपये निर्माण को भेजा। बिजली बिल 2018-19 में 4.17 करोड़ रुपये था। 2019-20 में छह करोड़ रखा गया। जबकि पुराने लाइटें हटाकर एलईडी लग चुकी हैं, जिससे 30 फीसद बिल कम हुआ है। फिर भी बजट बढ़ा दिया। जलकल मरम्मत में पिछले साल 2.30 करोड़ खर्च था। वर्ष 2019-20 के लिए 2.80 करोड़ का बजट था, जिसमें से 1.91 करोड़ ही खर्च हुए। पुनरीक्षित में 5.50 करोड़ रखे हैं।
नजारत में पिछले साल 1.52 करोड़ खर्च हुए थे। इस बार प्रावधान दो करोड़ का था, जिसमें से सितंबर तक 75 लाख ही खर्च हुए। पुनरीक्षित बजट में दो करोड़ ही रख दिए हैं।