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नकली खाद बनाने का हो रहा खेल, एनपीके व नर्मदा फॉस से बना रहे डीएपी खाद

नकली खाद बनाने का खेल किया जा रहा है। खाद माफिया एनपीके और नर्मदा फॉस से नकली डीएपी बना रहे हैैं और किसानों के साथ सरकार को भी राजस्व का चूना लगा रहे हैैं। खाद के खेल में माफिया प्रति बोरी 300 रुपये की शुद्ध कमाई कर रहे

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Fri, 06 Nov 2020 09:38 PM (IST)Updated: Fri, 06 Nov 2020 09:38 PM (IST)
नकली खाद बनाने का हो रहा खेल, एनपीके व नर्मदा फॉस से बना रहे डीएपी खाद
खाद के खेल में माफिया प्रति बोरी 300 रुपये की शुद्ध कमाई कर रहे।

 शाहजहांपुर, जेएनएन। नकली खाद बनाने का खेल किया जा रहा है। खाद माफिया एनपीके और नर्मदा फॉस से नकली डीएपी बना रहे हैैं और किसानों के साथ सरकार को भी राजस्व का चूना लगा रहे हैैं। खाद के खेल में माफिया प्रति बोरी 300 रुपये की शुद्ध कमाई कर रहे। अधिकारी,  समेत कारोबारी भी इस काले कारोबार से अनभिज्ञ नहीं हैं, लेकिन सभी अनजान बने हुए है। 

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दरअसल प्रशासन की नाक के नीचे जिस माफिया ने डीएपी की बोरियों में दूसरी कंपनी की कम गुणवत्ता वाली खाद की पैङ्क्षकग की, वह पहले भी बदनाम रहा। बावजूद इसके विभाग ने न केवल उसे लाइसेंस दिया, वरन कभी भी उसके प्रतिष्ठान की जांच नहीं की। कभी नमूने भी नहीं लिए गए।

 गुटैया स्थित इफको कृषक सेवा केंद्र पर नकली डीएपी के खुलासे के बाद विभाग ने कड़ी कार्रवाई की। जिला कृषि अधिकारी ने दो साल के भीतर कई खाद माफियाओं पर शिकंजा कसा। 53 एफआइआर और 200 कारोबारियों का लाइसेंस निरस्त करने के साथ बिक्री से रोक दिया लेकिन किसानों को नकली व अधोमानक खाद-बीज से चपत लगाकर अवैध कारोबार को सुरसा रूप देने वालों पर आखिर अभी तक नरमी क्यों बरती गई, यह यक्ष प्रश्न भी किसान कर रहे हैं।

विश्वासघात कर किसानों को ठगा

किसान इफको की खाद पर सर्वाधिक विश्वास करते है। यही वजह है कि नकली खाद के कारोबारियों ने इफको ब्रांड की बोरियों में पैङ्क्षकग कर किसानों के साथ कंपनी को भी बदनाम करने का प्रयास किया। इसके लिए गुजरात की नर्मदा फॉस, एनपीके खाद को डीएपी (डाई अमोनियम फॉस्फेट) की पैङ्क्षकग में पलटी करके खेल कर दिया। दरअसल डीएपी की बोरी 1150 से 1200 रुपये तक आसानी से बिक जाती है, जबकि एनपीके व नर्मदा फॉस 900 रुपये में आसानी से मिल जाती है। खाद का यह खेल कई दुकानों पर चल रहा है। इसके लिए माफिया ने बोरी सिलाई मशीन से लेकर डीएपी कंपनी व बैच नंबर समेत कई तरह के मार्का भी बनवा रखे हैं। 

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नकली व अधोमानक खाद के कारोबारी किसी कीमत पर बख्शे नहीं जाएंगे। जानकारी मिलने पर कड़ी कार्रवाई की गई है, जो आगे भी जारी रहेगी। पुलिस भी जांच में जुटी है। 

डा. सतीश चंद्र पाठक, जिला कृषि अधिकारी 


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