अदालत ने पकड़ा पैसा लेकर मुकदमा वापस लेने से इंकार करने वाली बीवी का झूठ, जानिए आगे क्या हुआ , जानिए आगे क्या हुआ
बीवी ने मुकदमा वापस लेने के बदले शौहर से एकमुश्त रकम हासिल कर ली और बाद में अपने वादे से मुकर गई। बीवी का यह दांव उल्टा पड़ गया। अदालत ने विवाहिता के झूठ को पकड़कर गुजारा खर्चे का दावा खारिज कर दिया है।
बरेली, जेएनएन। बीवी ने मुकदमा वापस लेने के बदले शौहर से एकमुश्त रकम हासिल कर ली और बाद में अपने वादे से मुकर गई। बीवी का यह दांव उल्टा पड़ गया। अदालत ने विवाहिता के झूठ को पकड़कर गुजारा खर्चे का दावा खारिज कर दिया है। हालांकि 11 साल के बेटे को उसके पिता से खर्च दिलाने का आदेश दिया है।
थाना बिशारतगंज के भिंडौरा निवासी रूबी ने फैमिली कोर्ट में कहा कि उसकी शादी वर्ष 2009 में शमशुल के साथ हुई थी। ससुराल वाले नगदी व बाइक की मांग को लेकर परेशान करते थे। वह वर्ष 2011 में अपने एक साल के बेटे को लेकर मायके चली आई। उसने अदालत से गुजारा खर्च दिलाने की मांग की।
सबूत के दौरान पति ने कोर्ट को बताया कि रूबी ने उससे एक मुश्त 2.70 लाख रुपये नगद लेकर समझौता कर लिया है। दहेज का सामान भी वापस ले लिया है। दोनों का आपसी सहमति से तलाक हो चुका है। बेटा अरहान भी रूबी के पास ही है। उसने दहेज एक्ट व सामान वापसी का केस खत्म करने के दौरान एकमुश्त रकम ले ली और खर्चे का केस भी वापस लेने का वादा किया था। अब वह वादे से मुकर गई है। वह रकम लेकर भी मुकदमा चला रही है। शमशुल ने क्रिमनल कोर्ट में दिये रूबी के बयानों की कॉपी भी दाखिल की।
जिसमें रूबी ने साफ कहा कि उसका पति ना तो उसे मारता पीटता था और ना दहेज के लिए तंग करता था। वह आपसी सहमति से अलग रह रही है। फैमिली कोर्ट के अपर प्रधान न्यायाधीश-प्रथम शैलोज चंद्रा ने अपने आदेश में लिखा कि विवाहिता बिना उचित व पर्याप्त कारण के अपनी मर्जी से व सहमति से अलग रह रही है। तो भरण पोषण नहीं मिलेगा। हालांकि कोर्ट ने दंपति के 11 साल के बेटे अरहान को बालिग होने तक उसके पिता से दो हजार रुपए प्रतिमाह गुजारा खर्च दिलाने का आदेश जारी किया है। अरहान के गुजारा भत्ते में सात साल तक हर वर्ष 500 रुपये के हिसाब से बढ़ोत्तरी होगी।