Interview : विकास को लेकर बरेली के कमिश्नर बोले- हमारी भी हस्तक्षेप करने की सीमा है Bareilly News
शहर को स्मार्ट करने के लिए बड़े पैमाने पर काम कराए जा रहे हैं जो तेजी नहीं पकड़ पा रहे हैं। अब आकर कोरोना वायरस के फैसले की आशंका से और देर होती दिख रही है।
बरेली, वसीम अख्तर । शहर को स्मार्ट करने के लिए बड़े पैमाने पर काम कराए जा रहे हैं, जो तेजी नहीं पकड़ पा रहे हैं। अब आकर कोरोना वायरस के फैसले की आशंका से और देर होती दिख रही है। इसको लेकर जागरण ने कमिश्नर रणवीर प्रसाद से बात की। उनका स्पष्ट कहना है कि विकास पहली प्राथमिकता है लेकिन, हमारे हस्तक्षेप की एक सीमा है। बड़े कामों के लिए सबको जिम्मेदारी लेनी चाहिए। कम से कम सहयोग का रवैया तो रखना ही होगा। इसके साथ ही कमिश्नर ने बाकरगंज में कूड़े के ढेर और प्रधानमंत्री के जनता कर्फ्यू की घोषणा पर भी स्थिति स्पष्ट की।
सवाल : बड़े कामों की प्रगति ठीक नहीं है। बरेली से सीतापुर तक हाईवे फोरलेन का काम घिसट रहा है। आइवीआरआइ पुल को लेकर रेलवे ने पैसा नहीं होने की बात कहकर असमर्थता जता दी, क्या कहेंगे?
जवाब : बड़े कामों के जब प्रोजेक्ट बन रहे थे तो बहुत सी बातों पर विचार नहीं हुआ। इसी वजह से दूसरे विभागों की जमीन को लेकर पेच फंसा। काफी हद तक चीजें ट्रैक पर आ गई हैं। दरअसल, रेलवे और एनएचआइ से जुड़े कामों में एक हद तक ही हस्तक्षेप कर सकते हैं।
सवाल : स्मार्ट सिटी के कामों को लेकर प्रभारी मंत्री ने भी नाराजगी जताई है। क्यों देर हो रही है?
जवाब : चौथे चरण में जिन शहरों में स्मार्ट सिटी बनाने की घोषणा की गई है, उस एतबार से हमारा काम ठीक है। इस प्रोजेक्ट में नगर निगम की अहम जिम्मेदारी है। जमीनों की एनओसी नहीं मिलने से कई प्रोजेक्ट की डीपीआर नहीं बनवा सके हैं। सबको जिम्मेदारी समझनी होगी।
सवाल : बाकरगंज में कूड़े का पहाड़ स्मार्ट सिटी के तमगे को मुंह चिढ़ा रहा है। बार-बार घोषणा और बीच-बीच में थोड़े प्रयास भी दिख रहे हैं लेकिन कूड़े के निस्तारण की समस्या का समाधान नहीं हो रहा है?
जवाब : कूड़े के निस्तारण की जिम्मेदारी एक एजेंसी को नियम विरुद्ध तरीके से दे दी गई थी, जिसे कांट्रेक्ट निरस्त करने के लिए नोटिस जारी किया गया है। कूड़े का ढेर हटाने के लिए जल्द टेंडर मांगने जा रहे हैं। भोपाल-इंदौर की तर्ज निस्तारण कराया जाएगा।
सवाल : जनता कर्फ्यू में मंडल भर में शादी समारोह को लेकर खलबली मची है। क्या शादियां होने दी जाएंगी?
जवाब : प्रशासनिक स्तर से कुछ नहीं रोका गया है। प्रधानमंत्री ने जनता से अनुरोध किया है। उसको मानना चाहिए। शादी समारोह छोटे किए जाएंगे। भीड़ इकट्ठी करने से अनिवार्य रूप से बचना होगा।