टेरर फंडिंग : जानिए एटीएस के पहुंचते ही कैसे गायब हो गया सदाकत और उसका परिवार Bareilly News
सदाकत बीस दिनों से गायब है यह सबको पता है। एटीएस भी मान चुकी कि वह अभी घर में नहीं बैठेगा। मगर उसके घर की तलाशी व परिजनों से पूछताछ में सुराग मिलने की उम्मीद जरूर थी
जेएनएन, बरेली : सदाकत बीस दिनों से गायब है, यह सबको पता है। एटीएस भी मान चुकी कि वह अभी घर में नहीं बैठेगा। मगर, उसके घर की तलाशी व परिजनों से पूछताछ में सुराग मिलने की उम्मीद जरूर थी, इसीलिए टीम तीसरी बार दबिश देने पहुंची। थाने में जाकर पुलिसकर्मियों को साथ लिया, इस बीच सूचना लीक हो गई। नतीजन, जब तक एटीएस वहां पहुंची, सदाकत का घर खाली हो चुका था।
एटीएस के थाने पहुंचते ही खाली हो गया था घर
एटीएस की टीम इज्जतनगर थाने सुबह करीब साढ़े नौ बजे पहुंची। यहां आमद कराई और इसके बाद थाने से फोर्स लेकर परतापुर चौधरी के लिए रवाना हुई और सवा दस के करीब पहुंच गई। ग्रामीणों की मानें तो सदाकत के परिजन भी साढ़े नौ बजे तक घर पर ही थे। इससे साफ है कि परिजन साढ़े नौ बजे के बाद ही घर से निकले हैं। यह महज इत्तेफाक हो, ऐसी उम्मीद कम ही है। हां, यह पूरा घटनाक्रम थाना पुलिस पर शक की अंगुलियां जरूर उठा रहा।
सदाकत से पुराना है पुलिस का नाता
टेरर फंडिंग मामले से पहले भी सदाकत कई बार चर्चा में रहा है। दिल्ली सहित अन्य प्रदेशों की पुलिस भी उसकी तलाश में यहां आती रही है। बड़ी बात है कि एक बार की बात छोड़ दें तो कभी भी सदाकत हाथ नहीं लगा। लोगों की मानें तो पुलिस और सदाकत का मेलजोल काफी अच्छा रहा है। वह हवाला कारोबार को लेकर भी चर्चा में रहा है।
फेल रहा जिले का खुफिया तंत्र
जिस खुफिया तंत्र की मजबूती के दावे किए जाते हैं। वह अक्सर बड़े मामलों में फेल दिखता है। पूर्व में भी जब शहर में आतंकी गतिविधियां बढ़ीं थी। उस वक्त भी खुफिया तंत्र को कुछ नहीं हाथ लगा था। अब टेरर फंडिंग मामले में भी सदाकत शहर में बना रह और खुफिया तंत्र को पता नहीं लगा।