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चुनाव ड्यूटी से नाम कटवाने को शिक्षक व कर्मचारी बना रहे बहाना, कोई बीमारी तो कोई शादी का दे रहा हवाला

शिक्षक और कर्मचारी ड्यूटी से अपना नाम कटवाने के हर संभव प्रयास में जुटे हैं। ड्यूटी मिल जाने के बाद इसमें और तेजी आने की संभावना है। हालांकि प्रशासन ने ड्यूटी में बहानेबाजी से निपटने के लिए कड़े इंतजाम किए हैं।

By Ravi MishraEdited By: Published: Tue, 25 Jan 2022 11:40 AM (IST)Updated: Tue, 25 Jan 2022 11:40 AM (IST)
चुनाव ड्यूटी से नाम कटवाने को शिक्षक व कर्मचारी बना रहे बहाना, कोई बीमारी तो कोई शादी का दे रहा हवाला
शादी की बात कहकर ड्यूटी कटवाने का अपना रहा हथकंडा

बरेली, जेएनएन।  विधानसभा चुनाव में ड्यूटी में जिस तरह ड्यूटी लगने के दौरान शिक्षक घबराए हुए हैं उससे लगता है जैसे पीछे पंचायत चुनाव में ड्यूटी के दौरान शिक्षकों की मौत का डर उन पर अभी हावी है। यह ही कारण है कि शिक्षक और कर्मचारी ड्यूटी से अपना नाम कटवाने के हर संभव प्रयास में जुटे हैं। ड्यूटी मिल जाने के बाद इसमें और तेजी आने की संभावना है। हालांकि प्रशासन ने ड्यूटी में बहानेबाजी से निपटने के लिए कड़े इंतजाम किए हैं।

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विधानसभा चुनाव में माध्यमिक और बेसिक शिक्षा विभाग के करीब दस हजार से अधिक शिक्षक और कर्मचारियों की ड्यूटी लगनी है। चुनाव में मतदान कार्मिकों की ड्यूटी फीडिंग का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। एनआइसी के साफ्टवेयर पर ड्यूटी फीड की जा चुकी है। फिलहाल ड्यूटी पत्र अभी कई कर्मचारियों को प्राप्त नहीं हुए हैं लेकिन बहानेबाजी पहले से ही शुरू कर दी गई। जिला विद्यालय निरीक्षक डा. मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि इस बार आवेदनकर्ता का किसी प्रकार का बहाना कर चुनाव ड्यूटी से मुक्त हो पाना बेहद कठिन होगा।

आवेदन के साथ लोगों ने अपनी सिफारिशें लगवाना शुरू कर दिया है। बताया कि लोगों की वास्तविक स्थितियों को देखते हुए नियमानुसार जैसा होगा, किया जाएगा। बेसिक शिक्षा अधिकारी विनय कुमार का कहना है कि बेसिक शिक्षा विभाग के कर्मचारी और शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। इनमें से गंभीर बीमारी की स्थिति का सामना करने वाले व नियमों के तहत ही कुछ लोगों की ही ड्यूटी काटी जा सकती है। बताया कि ड्यूटी से मुक्त रखने के लिए जो आवेदन आए है उनका परीक्षण कराया जाएगा। इसके बाद रिपोर्ट आने पर निर्णय लिया जाएगा। बीमारी की बात कह रहे लोगों की प्रशासन की ओर से गठित चिकित्सकों की कमेटी द्वारा परीक्षण कराया जाएगा।

चुनाव ड्यूटी में जाएंगी 1500 रोडवेज बसें: फरवरी में होने वाले मतदान को शांतिपूर्ण व निष्पक्ष कराने के लिए पुलिस के साथ ही केंद्रीय फोर्स व होमगार्डों को लगाया जाएगा। इसके अलावा पोलिंग पार्टियों को मतदान स्थल तक ले जाने में भी रोडवेज बसे लगाई जाएगी। ऐसे में प्रदेश के सभी रोडवेज बसों से कुल 1500 बसों की मांग चुनाव आयोग ने की है। जिसके लिए निर्देश जारी कर दिए गए हैं। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक की ओर से सभी क्षेत्रीय प्रबंधकों को इसके संबंध में संदेश जारी किया गया है। जिसमें उन्होंने अगले सप्ताह निर्वाचन विभाग द्वारा मांगी गई 1500 रोडवेज बसों को मांग के अनुरूप उपलब्धता कराने को कहा है। उन्होंने क्षेत्रीय प्रबंधकों से इसके संबंध में जानकारी मांगी है कि अपने रीजन से वह कितनी बसें भेज सकते हैं जिससे संचालन व्यवस्था भी प्रभावित न हो और मांगी गई बसों की पूर्ति भी की जा सके।


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