महज सौ रुपये के ब्याज के लिए सुमित ने कर दी थी लल्लन की हत्या
ब्याज के सौ रुपये न देने पर सुमित ने लल्लन की हत्या की थी। पकड़े जाने के बाद सुमित ने कबूला कि लल्लन ने उसके पास पांच सौ रुपये पर अपना मोबाइल फोन गिरवी रखा था। मोबाइल फोन वापस लेने पर लल्लन को छह सौ रुपये अदा करने थे।
बरेली, जेएनएन : ब्याज के सौ रुपये न देने पर सुमित ने लल्लन की हत्या की थी। पकड़े जाने के बाद सुमित ने कबूला कि लल्लन ने उसके पास पांच सौ रुपये पर अपना मोबाइल फोन गिरवी रखा था। मोबाइल फोन वापस लेने पर लल्लन को छह सौ रुपये अदा करने थे। लेकिन, लल्लन ने मोबाइल के सिर्फ पांच सौ रुपये ही वापस किए। सौ रुपये को लेकर दोनों में विवाद शुरू हुआ जिसके बाद सुमित उसे एक सुनसान जगह पर ले गया और पेचकस से गोदकर उसकी हत्या कर दी। एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने प्रेस कांफ्रेंस कर हत्याकांड का पर्दाफाश िकिया।
15 नवंबर को आंवला के करुआताल के रहने वाले लल्लन का शव मिला था। हत्या के बाद पुलिस ने उसके भाई मोहनलाल की तहरीर पर पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। नामजद लोगों में लल्लन की पत्नी का पूर्व पति भी नामजद था। लल्लन ने तीन बच्चों की मां को भगाकर शादी की थी। इसी के चलते भाई को शक था कि पहले वाले पति ने ही भाई की हत्या करा दी। लेकिन, पुलिस ने जब पड़ताल की तो चौकाने वाला सच सामने आया। पता चला कि करवाचौथ से एक दिन पहले लल्लन ने पैसों की जरूरत पड़ने पर राजपुर खुर्द के रहने वाले सुमित के पास पांच सौ रुपये में अपना मोबाइल गिरवी रखा था। वापसी पर छह सौ रुपये देने की बात तय हुई। 13 नवंबर को लल्लन घर से खेत जाने की बात कहकर निकला था। इसी दिन दोनों में लेन-देने काे लेकर विवाद हुआ और जेब में रखे पेचकस से सुमित ने लल्लन की हत्या कर दी। 15 नंवबर को लल्लन का शव मिला जिसके बाद शव की शिनाख्त हुई। सुमित के कबूलनामे के बाद पुलिस ने मामले में नामजद पांच लोगों का नाम हटाने के साथ सुमित के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया है।
बेटी की गाली दी, भला कैसे बर्दाश्त करता
हत्यारोपित सुमित को अपने किए पर बिल्कुल भी पछतावा नहीं है। कहा कि एक तो लल्लन पहले तय रकम नहीं दे रहा था। उसके बाद शराब के नशे में बेटी को गंदी-गंदी गालियां दे रहा था। साढ़े तीन साल की बेटी है, उसके बारे में भला बुरा कैसे सुन सकता था। लिहाजा, उसकी हत्या कर दी। जेब में पेचकस होने की बात पर कहा कि हत्या के इरादे से पेचकस नहीं रखा था। ऐसे ही जेब में पड़ा था।