Move to Jagran APP

डीआइजी से दारोगा बोले- बीमार पत्नी की देखभाल के लिए कर दो सेवानिवृत्त Bareilly News

पुलिस की व्यस्तता भरी नौकरी में परिवार को समय न दे पाने की शिकायत अक्सर रहती है। इस स्थिति से परेशान दो दारोगा 27 जनवरी को डीआइजी के सामने पेश हुए।

By Ravi MishraEdited By: Published: Fri, 31 Jan 2020 09:18 AM (IST)Updated: Fri, 31 Jan 2020 05:54 PM (IST)
डीआइजी से दारोगा बोले- बीमार पत्नी की देखभाल के लिए कर दो सेवानिवृत्त Bareilly News
डीआइजी से दारोगा बोले- बीमार पत्नी की देखभाल के लिए कर दो सेवानिवृत्त Bareilly News

जेएनएन, बरेली : पुलिस की व्यस्तता भरी नौकरी में परिवार को समय न दे पाने की शिकायत अक्सर रहती है। इस स्थिति से परेशान दो दारोगा 27 जनवरी को डीआइजी के सामने पेश हुए। उन्होंने छुट्टी न मिल पाने और पत्नी के अकेले होने का हवाला देते हुए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की मांग की। डीआइजी ने समझाया लेकिन दारोगा नहीं माने। इस पर डीआइजी ने दोनों को सेवानिवृत्ति की स्वीकृति दे दी।

loksabha election banner

मांगनी पड़ती है छुट्टी 

बतौर सिपाही भर्ती हुए अमरोहा थाना डिडौली के गांव सलामतुर निवासी जयपाल सिंह पदोन्नति पाकर दारोगा बन गए, उम्र 56 वर्ष है। डीआइजी से मिलने के दौरान उन्होंने कहा था कि पत्नी घर में अकेली ही रहती हैं। तबीयत खराब रहती है, उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है। तैनाती यहां है इसलिए उनकी देखभाल के लिए बार-बार छुट्टी मांगनी होती है, जो हर बार मिल पाना संभव नहीं होता।

पत्नी के लिए मांगी सेवानिवृत्ति

ऐसी ही कुछ स्थिति शाहजहांपुर कोतवाली क्षेत्र के गांव गढिय़ा रंगीन निवासी नरेश भटनागर (55) ने बयां की। उनकी पत्नी पुष्पा प्राइमरी स्कूल में शिक्षिका हैं। बेटा बेटी दोनों बाहर हैं। पत्नी बीमार रहती हैं। हाल ही में पत्नी की बीमारी के चलते एक माह का अवकाश लिया था, लेकिन यह बार बार संभव नहीं है। उन्होंने पत्नी और परिवार को समय देने के लिए डीआइजी से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की मांग की थी। जिस पर डीआइजी ने स्वीकार उन्हें स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की स्वीकृति दे दी है। अब दोनों के कागजात तैयार किए जा रहे।

पत्नियों के साथ पहुंचे दोनों दारोगा

दारोगा जयपाल और नरेश भटनागर अपनी अपनी पत्नियों के साथ डीआइजी के समक्ष 27 जनवरी को पेश हुए थे। दोनों ने बताया कि परिवार के लिए ही नौकरी कर रहे हैं। अब बच्चे नौकरी करने की खातिर दूसरे शहरों में रहते हैं। ऐसे में बीमार पत्नी की देखभाल उन्हीं को करनी है, जोकि पुलिस की नौकरी करते वक्त संभव नहीं। रिटायरमेंट लेकर पत्नी की देखभाल करेंगे।

पढ़ा लिखाकर बच्चों को बनाया काबिल 

दारोगा जयपाल के तीन बेटे हैं। बड़ा बेटा मुरादाबाद पाकबाड़ा में न्यूरो सर्जन है। छोटा बेटा राज कुमार सिंह एचएएल में इंजीनियर है। तीसरा बेटा रेलवे में है। दारोगा नरेश भटनागर की पत्नी सरकारी स्कूल में टीचर हैं। बेटी गाजियाबाद में इंजीनियिरंग कालेज में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। दोनों बोले, जिंदगी भर बस बच्चों को पढ़ाने के लिए ही मेहनत की। उन्हें सफल देख खुद पर नाज होता है।

दोनों दारोगा अपनी अपनी पत्नी के साथ पेश हुए थे। उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह सेवानिवृत्ति ही लेना चाहते थे। न मानने पर उन्हें स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति दे दी गई है। - राजेश पांडेय, डीआइजी  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.