पढ़े... कैसे कक्षा नौ की छात्रा फातिमा बनीं शाहजहांपुर की डीएम, सुनीं जनता की फरियाद Shahjahanpur News
नायक फिल्म में अनिल कपूर एक दिन के सीएम बने थे। उसी प्रकार शाहजहांपुर में स्कूली बच्चों को भी दो मिनट के लिए जिले का मुखिया बनने का मौका मिला।
जेएनएन, शाहजहांपुर : चार डीएम...। कुर्सी एक ...और फरियादी दर्जनों। शुक्रवार सुबह कलेक्ट्रेट का नजारा कुछ जुदा था। जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह अपनी कुर्सी के दायीं ओर सामान्य कुर्सी पर बैठकर आइएएस बने बच्चों की भाव भंगिमा को निहारते रहे। वहीं, उनकी कुर्सी पर बैठकर कक्षा नौ की फातिमा, मुदस्सर व प्रबलीन ने जिलाधिकारी की हैसियत से न सिर्फ फरियाद सुनी बल्कि उनका निस्तारण भी किया। दरअसल, जिस प्रकार नायक फिल्म में हीरो रहे अनिल कपूर एक दिन के सीएम बने थे। उसी प्रकार स्कूली बच्चों को भी दो मिनट के लिए जिले का मुखिया बनने का मौका था।
इसलिए डीएम ने बच्चों को सौंपी कुर्सी
शुक्रवार सुबह करीब पौने नौ बजे का समय था। पुवायां रोड स्थित दिल्ली वल्र्ड पब्लिक स्कूल के 30 बच्चे चेयरमैन व प्रबंध निदेशक राकेश यादव, वाइस चेयरमैन व डायरेक्टर आदित्य यादव तथा प्रधानाचार्य साबू अठिक्कल, समन्वयक जूही खान के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे। स्कूली बच्चों ने डीएम से पॉलीथिन पर प्रतिबंध लगाने का निवेदन किया तो डीएम ने उन्हें बताया कि पॉलीथिन पहले से ही बैन है। इस पर बच्चे बोले, सर... अभी भी तमाम लोग पॉलीथिन यूज कर रहे हैं, जो पर्यावरण के लिए नुकसानदायक है। इससे डीएम प्रभावित हुए। उन्होंने सभी से उनके जीवन का लक्ष्य पूछा। कुछ बच्चों ने इंजीनियर तो कुछ ने डॉक्टर बनना लक्ष्य बताया। लेकिन कक्षा 9 की छात्रा फातिमा, मुदस्सर खान तथा प्रबलीन ने आइएएस बनने की इच्छा जताई। इस पर डीएम मुस्कारते हुए बोले, चलो... आज से ही आइएएस की शुरुआत कराते हैं। उन्होंने सबसे पहले फातिमा को अपनी कुर्सी सौंपी। बोले, अब आप शाहजहांपुर की डीएम हैं। फरियाद सुनकर समाधान करें। इसी तरह उन्होंने मुदस्सर व प्रबलीन को भी दो-दो मिनट के लिए डीएम बनने का मौका दिया। इस दौरान देवांश, लक्ष्य, आयूष, आदित्य, आन्या, नदाल, नैतिक, उदयकरन आदि बच्चे मौजूद रहे।
डीएम की पहल से बेहद प्रभावित हुए बच्चे
डीएम सर बहुत अच्छे हैं। उन्होंने अपनी कुर्सी पर बैठाकर मेरे सपनों को पंख लगा दिए। अब डीएम बनने के लिए जीजान एक दूंगी। यह कहना था सबसे पहले डीएम की कुर्सी पर बैठने वाली फातिमा का। वहीं, दो मिनट के लिए डीएम बने मुदस्सर व प्रबलीन भी जिलाधिकारी इंद्र विक्रम ङ्क्षसह की पहल से बेहद प्रभावित हुए। बोले, इस तरह के सकारात्मक प्रोत्साहन से आइएएस बनने के लिए दृढ़ता से प्रयास करूंगा।
जनता की समस्याओं से रूबरू हो बच्चे, इसलिए दिया अवसर : डीएम
जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि कुछ स्कूली बच्चे प्लास्टिक फ्री मूवमेंट चलाने लिए कार्यालय आए थे। बच्चों से पूछा गया कि वह क्या बनना चाहते हैं तो कुछ ने डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक बनने की इच्छा जताई। कुछ ने आइएएस बनकर सेवा की इच्छा जाहिर की तो उन्हें अवसर दिया गया कि वह जनता की समस्याओं से रूबरू हो। जिलाधिकारी के महत्वपूर्ण पद पर जिम्मेदारियों को समझ सके। इससे उनके मन में समाजसेवा के लिए उत्साह, जज्बा रहेगा।