Teachers Day Special : फोन कर छात्रों को पढ़ने के लिए जगाने वाले शिक्षक की कहानी Bareilly News
शायद सुनने में थोड़ा अजीब लगे लेकिन यह सत्य है। जो पिछले 15 वर्षों से विद्यालय की टीम के साथ बच्चों को तड़के चार बजे फोन पर जगाकर शिक्षण कार्य करा रहे हैं।
बरेली, जेएनएन : फोन कर आइएएस, आइपीएस और आइआरएस बनाने वाले शिक्षक को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सम्मानित करेंगे। शायद सुनने में थोड़ा अजीब लगे, लेकिन यह सत्य है। शिक्षक दिवस पर मुख्यमंत्री अध्यापक सम्मान के लिए वैभव नगर स्थित जय नारायण सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य बृजमोहन शर्मा का चयन हुआ है। जो पिछले 15 वर्षों से विद्यालय की टीम के साथ बच्चों को तड़के चार बजे फोन पर जगाकर शिक्षण कार्य करा रहे हैं। प्रधानाचार्य की मानें तो आज उनके स्कूल के कई छात्र ऐसे है जो प्रशासनिक अधिकारी के तौर पर कार्य कर रहे हैं।
ऐसे बदली विद्यालय की तस्वीर
वर्ष 2001 में प्रधानाचार्य बृजमोहन शर्मा मध्यप्रदेश के भिंड से स्थानांतरित होकर बरेली आए थे। यहां उन्होंने पैरेंटस मीटिंग में कुछ अभिभावकों को बच्चों के करियर के प्रति उदासीन देखा। जिसके बाद उन्होंने 2004 से परीक्षा के दिनों में स्वयं ही अपनी टीम के साथ बच्चों को सुबह पढ़ाई के लिए जगाना शुरू किया जो आज तक जारी है।
खेलकूद के जरिए छात्र-छात्राओं से जुड़े
प्रधानाचार्य बृजमोहन शर्मा ने बरेली आने के बाद सबसे पहले खेलकूद को प्राथमिकता पर लिया। जिसके जरिए छात्रों से जुड़े। छात्रों को पढ़ाई के लिए मोटीवेट किया। उन्हें प्रोत्साहन दिया। जिसके बाद बच्चों से नजदीकी बढ़ाई। उनकी विषय से संबंधित समस्याओं का समाधान किया।
ये छात्र बने कॉलेज के रोल मॉडल
अरुण कुमार आइएएस 2011, अजीत प्रताप सिंह आइपीएस 2011, प्रमोद कुमार एडीजे, मयंक राणा आइआरएस 2005, सौरभ गंगवार पीसीएस 2005, अभिषेक गुप्ता एचओडी पीजीआइ 2006।
सहायक अध्यापिका बनेंगी रोल मॉडल
मॉडल प्राथमिक विद्यालय उनासी में तैनात सहायक अध्यापिका नम्रता वर्मा जल्द ही जल्द ही साथी शिक्षकों के लिए रोल मॉडल होंगी। ओपन क्लास से डिजिटल लाइब्रेरी के जरिए बच्चों को शिक्षा देकर नई दिशा दिखाई। एक के बाद एक नवाचार प्रयोग करते हुए बच्चों को हाईटेक तरीके से पढ़ाने के प्रयोग और सफलता का परिणाम मिला है। उन्हें राज्य शिक्षक पुरस्कार-2018 के लिए चुना गया है। पांच सितंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उन्हें सम्मानित करेंगे।
अब तक ये किए नवाचार
2015: पीपीटी के जरिए बच्चों को वन संरक्षण व उद्यान से जोड़ा।
2016 : मैट सीटिंग अरेंजमेंट के जरिए बच्चों को अल्फाबेड सिखाया। जिसमें बच्चों को ए बी सी डी के शेप में बिठाकर सिखाया। बाल सभा शुरू की। जिसमें एक थीम निर्धारित कर विभिन्न गतिविधियां जैसे रेड या ग्रीन डे आदि आयोजित की। बच्चों का बर्थ डे मनाने की शुरूआत की। माह के अंत में उस माह में पड़ने वाले सभी बच्चों का जन्मदिन एक साथ मनाया जाता है। जिसमें उनसे पौधरोपण कराया जाता है। जिसकी देखभाल वह स्वयं करते है।
2017 : ओपन क्लास लेना शुरू किया। जिससे बच्चों का सीधे नेचर से जोड़ा। म्यूजिकल टोन के जरिए बच्चों को गिनती व पहाड़े सिखाए। एप का प्रयोग कर थ्रीडी तकनीक के माध्यम से बच्चों को विज्ञान से जोड़ा। जिसे काफी सराहना मिली।
2018 : क्यूआर कोड के जरिए डिजिटल लाइब्रेरी बनाई। इससे बच्चों में सीखने की ललक बढ़ी।