Speed : तेज दौड रही ट्रेन को अचानक लगा झटका और फिर Computer में ये हुआ कैद Bareilly News
ट्रेन नगरिया सादात के पास पहुंची तो यहां पटरी पर तेज झटके लगे। तब ट्रेन 100 किमी से अधिक स्पीड पर थी। वहीं इलेक्टिक इंजन को भी 130 किमी प्रति घंटा की स्पीड पर दौड़ाकर देख रहे है।
जेएनएन, बरेली : रिसर्च डिजाइन एवं स्टैंडर्ड आग्रेनाइजेशन (आरडीएसओ) लखनऊ की टीम बरेली से मुरादाबाद के बीच तेज गति इलेक्टिक ट्रेन दौड़ाने के लिए इंजन और माल वाहक बोगी का परीक्षण कर रही है। ट्रायल सफल रहा तो आरडीएसओ इलेक्टिक इंजन और माल वाहक बोगी दोनों को शुरू करने पर मुहर लगा सकता है। हालांकि बुधवार को ट्रायल के लिए निकली ट्रेन को नगरिया सादात के पास झटके लगे। बताते हैं कि ट्रैक पर झटका वाला उतना क्षेत्र तेज गति से ट्रेन दौड़ाने की स्थिति में फिलहाल अभी नहीं है।
बुधवार को सुबह करीब दस बजे के आस-पास इलेक्टिक इंजन मुरादाबाद के लिए रवाना किया गया। वहीं, माल वाहक बोगी लेकर ट्रेन दोपहर ठीक एक बजे निकली। माल बोगी का ट्रायल 30 अक्टूबर और इलेक्टिक इंजन का ट्रायल पहली नवंबर से शुरू हुआ था।
कंप्यूटर में रिकॉर्ड हो रही हर हरकत: ट्रायल आरडीएसओ की टीम कर रही है, जो लखनऊ से आई है। माल बोगी के साथ दो और यान जुड़े हैं। इसमें कंप्यूटर सिस्टम लगा है, जो पटरियों की स्थिति जान रहा है। ट्रेन नगरिया सादात के पास पहुंची तो यहां पटरी पर तेज झटके लगे। तब ट्रेन 100 किलोमीटर से अधिक स्पीड पर थी। वहीं, इलेक्टिक इंजन को भी 130 किलो मीटर प्रति घंटा की स्पीड पर दौड़ाकर देखा जा रहा है।
ये है भविष्य की तैयारी: आरडीएसओ का मुख्यालय लखनऊ में हैं। कोई नया कोच या इंजन रेलवे के लिए तैयार होता है। आरडीएसओ की टीम उसका परीक्षण करती है। रेल अधिकारियों के मुताबिक अभी बरेली से दिल्ली-लखनऊ के रेलपथ पर अधिकतम 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेनें दौड़ सकती हैं। रेलवे सभी मार्गो पर ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने के लिए लगातार ट्रायल कर रहा है।