बाल दिवस पर विशेष : बरेली की सेंट्रल जेल में दो महीने रहे थे चाचा नेहरु
पंडित जवाहर लाल नेहरू का बरेली से भी जुड़ाव था। उन्हें 31 मार्च 1945 को अहमद नगर फोर्ट जेल से केंद्रीय कारागार बरेली में शिफ्ट किया गया था। करीब दो महीने रखने के बाद उन्हें 10 जून को अल्मोड़ा की जेल में शिफ्ट किया गया था
बरेली, अंकित शुक्ला। बच्चों से बेहद प्रेम करने वाले पंडित जवाहर लाल नेहरू का बरेली से भी जुड़ाव था। उन्हें 31 मार्च 1945 को अहमद नगर फोर्ट जेल से केंद्रीय कारागार बरेली में शिफ्ट किया गया था। यहां करीब दो महीने रखने के बाद उन्हें 10 जून को अल्मोड़ा की जेल में शिफ्ट किया गया था। सेंट्रल जेल की जिस बैरक में वह बंद किए गए थे, आजादी के बाद उसका नाम नेहरू बैरक रख दिया गया।
आजादी की लड़ाई के दौरान जवाहर लाल नेहरू पर डिफेंस ऑफ इंडिया रेगुलेशन एक्ट 1915 के उल्लंघन का मुकदमा दर्ज हुआ था। जेल के दस्तावेजों के अनुसार, उनका नाम कैदी नंबर 582 के रूप में दर्ज है। केंद्रीय कारागार में कुल 592 स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को कैद किया गया था। जिसमें 583 कैदी नंबर आचार्य नरेंद्र देव का था। चाचा नेहरू को गड्ढा बैरिक में ए श्रेणी में रखा गया था। उन्हें जेल में जिस समय रखा गया था, उस समय उनकी आयु 42 वर्ष जबकि वजन 126 पाउंड दर्ज है। जेल में रहते हुए गांधी चरखा चलाने और सूत की कताई करने की बातें दर्ज हैं।
बैरक के बाहर लगी है शिलापट्ट
सेंट्रल जेल 110 एकड़ में बनी हुई है। इसके मुख्य द्वार पर प्रवेश करते ही नेहरू बैरक बनी हुई है। जबकि 250 वर्ग गज में नेहरू बैरक बनी हुई है।
कैदियों को सीख
सेंट्रल जेल में बड़ी संख्या में बंदी आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। जिन्हें नेहरू बैरक के माध्यम से अच्छाई की ओर प्रेरित करने वाले संस्करण दिखाए जाते हैं। कारागार में उनके रहने की अवधि आदि का पत्थर बैरक के बाहर लगा हुआ है।
वर्जन
जिला कारागार में जवाहर लाल नेहरू दो माह 10 दिन रहे थे। इस दौरान उनकी यादें रिकार्ड में आज भी दर्ज है। जिस बैरक में वह रहे थे, उसके बाहर नाम का पत्थर व समय भी लिखा हुआ है।-
आरएन पांडेय, वरिष्ठ जेल अधीक्षक