जानलेवा हमले के मामले में सपा नेता को 32 साल बाद कोर्ट से मिली राहत, जानें क्या रहा बरी करनेे का आधार
SP leader Islam Sabir gets relief from court जानलेवा हमले के 32 साल पुराने मामले में अदालत ने सपा नेता इस्लाम साबिर को संदेह का लाभ देकर बरी कर दिया। मामले की रिपोर्ट भाजपा नेता अनिल शर्मा ने थाना कोतवाली में लिखाई थी।
बरेली, जेएनएन। SP leader Islam Sabir gets relief from court : जानलेवा हमले के 32 साल पुराने मामले में अदालत ने सपा नेता इस्लाम साबिर को संदेह का लाभ देकर बरी कर दिया। मामले की रिपोर्ट भाजपा नेता अनिल शर्मा ने थाना कोतवाली में लिखाई थी। अभियोजन के मुताबिक 24 नवंबर 1989 की रात 11 बजे अनिल शर्मा व विश्व मानव प्रेस में कार्यरत सुरेंद्र पाल सिंह प्रभा टाकीज के पास नवरंग पान की दुकान से रिक्शे पर आ रहे थे। चार पहिया वाहन में सवार चार पांच लोगों ने रिक्शा रोक लिया। बोले यह ऐरन का खास सपोर्टर है। साथी सुरेंद्र पाल सिंह (एसपी सिंह) पर यह कहते हुए इस्लाम साबिर ने गोली चला दी। फहीम साबिर ने चाकुओं से मारना शुरू कर दिया।
अन्य लोगों ने वादी पर हाकियों से हमला शुरू कर दिया। एसपी सिंह के गंभीर चोटें आईं। उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। वादी अनिल शर्मा व चोटिल एसपी सिंह ने अदालत में आरोपितों को पहचानने से इंकार कर दिया। बोले मारपीट करने वालों में फहीम साबिर व इस्लाम साबिर नहीं थे। इन्होंने कोई हमला नहीं किया। पुलिस ने सादा कागज पर उनके अंगूठे लगवा लिए थे। एक अन्य आरोपित राधेश्याम की केस ट्रायल के दौरान मौत हो गई। अपर सेशन जज-प्रथम सुनील कुमार वर्मा ने दोनों आरोपितों को दोषमुक्त कर दिया। गवाहों ने बताया कि वर्ष 1989 में प्रवीण सिंह ऐरन व इस्लाम साबिर दोनों कैंट विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े थे।
दुष्कर्म के प्रयास में चार साल कैद की सजा : खेत से वापस लौट रही किशोरी को गन्ने के खेत में खींचकर दुष्कर्म करने के प्रयास में अदालत ने आरोपित को गुरुवार को चार वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। वारदात फतेहगंज पश्चिमी थाना क्षेत्र की है। सरकारी वकील राजीव तिवारी ने स्पेशल पाक्सो कोर्ट में सात गवाह पेश किए। 13 दिसंबर 2014 की वारदात है। 17 वर्षीय पीड़िता खेत से वापस लौट रही थी। रास्ते में टिटौली निवासी रिजवान ने अपने साथी की मदद से पीड़िता के साथ दुष्कर्म का प्रयास किया। स्पेशल जज अनिल कुमार सेठ ने दोषी रिजवान को कारावास के साथ आठ हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया है। जुर्माने की पूरी रकम पीड़िता को मिलेगी।