गुटबाजी खत्म करने के लिए सपा प्रमुख ने अपनाया यह तरीका Bareilly News
गुटबाजी को विराम देने के लिए सपा प्रमुख अखिलेश यादव पूर्व महापौर आइएस तोमर के घर पहुंचे। पूर्व मंत्री अता उर्र रहमान के यहां पहुंच कर चाय पी।
जेएनएन, बरेली : देर रात्रि रामपुर से लौटने के बाद पूर्व मु्ख्यमंत्री व सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने रविवार की सुबह सर्किट हाउस में कार्यकर्ताओ से मुलाकात की। स्थानीय नेताओं की गुटबाजी को विराम देने के लिए पूर्व महापौर आइएस तोमर के घर पहुंचे। जिसके बाद वह पूर्व मंत्री अता उर्र रहमान के यहां पहुंच कर चाय पी। कुछ देर बाद वह पूर्व विधायक सुल्तान बेग और उसके भाई अनीस बेग के घर जाएंगे। सारे नेता दो गुटों में बंटे हुए है। गुटबाजी के चलते पार्टी को विधानसभा व लोकसभा चुनाव में अच्छा खासा नुकसान हुआ था। डेमेज कंट्रोल को रोकने के लिए सपा प्रमुख अब यह तरीका अपना रहे है।
अखिलेश बोलते चले गए, सफाई देते रह गए नेता
उनसे कुछ नहीं छुपा, सब पता है। जब समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने बोलना शुरू किया तो यही लगा। उन्होंने पूर्व विधायकों और पार्टी के कुछ अहम लोगों के बीच साफ लफ्जों में कहा कि चुनाव में किस-किस की भूमिका ठीक नहीं रही, सब पता है। नाम लेकर कहा कि यह-यह लोग पार्टी छोड़कर भी गए हैं। रहा सवाल गुटबाजी का तो मैं नहीं, आप तय करेंगे, कैसे खत्म होगी? इस बारे में किसी के पास कोई सुझाव हो तो बता सकता है। नेताओं के लिए इतना काफी था। लिहाजा वे सफाई देने में लग गए। बात इस बात पर खत्म हुई कि जिले में मजबूत अध्यक्ष और संगठन जल्द गठित कर दिया जाएगा।
सर्किट हाउस में रात दस बजे के बाद कार्यकर्ता और ज्यादातर पूर्व पदाधिकारी अखिलेश यादव से मिलकर चले गए। तब एक पूर्व विधायक ने सपा अध्यक्ष से अलग में बात करने की गुजारिश की। जवाब में उनसे साफ कह दिया कि सबके सामने बात कीजिए। जो भी बात होगी सार्वजनिक होगी। तब इन पूर्व विधायक को कहना पड़ा कि पार्टी में गुटबाजी खत्म होना चाहिए। जवाब मिला कि आप रास्ता निकालें। फिर एकाएक अखिलेश यादव के तेवर थोड़े बदल गए। कहने लगे, भगवत को टिकट दिया, किस-किसने नहीं लड़ाया सब पता है। सब मिलकर लड़ाते तो वह एमपी हो जाते। चार लाख वोट मिले। एक-एक का नाम लेकर कहा कि इन्होंने पार्टी छोड़ी। बूथ कमेटियों में ऐसे लोगों को रखा, जिनकी छवि ठीक नहीं थी। इसी बीच संगठन के गठन की बात भी आई। एक सेवानिवृत अफसर ने सुझाव दिया कि ऐसे शख्स को जिलाध्यक्ष बनाया जाए, जिसकी बात में वजन हो। उसकी बात सब मानें। जवाब में सपा अध्यक्ष बोले बात तो सही कह रहे हैं। जल्द मजबूत संगठन बनेगा। काम करने वाले लोग रखे जाएंगे।
दिखाई दी लोकसभा में हार की टीस
बीते लोकसभा चुनाव में भगवत सरन गंगवार को जिताने के लिए अखिलेश यादव ने पूरा जोर लगाया था। यहां आकर कई सभाएं की थीं लेकिन फिर भी भगवत चुनाव जीत नहीं सके। अब जब सपा अध्यक्ष चुनाव के बाद आए तो बातचीत में हार की टीस झलकी। यही वजह रही कि गुटबाजी के लिए स्थानीय नेताओं पर नाराज भी हुए।
पुलिस से कार्यकर्ताआें की हुई धक्का-मुक्की
सपा मुखिया शाम सात बजे जब सर्किट हाउस पहुंचे तो सुरक्षा के मद्देनजर ज्यादातर नेताओं और पदाधिकारियों को सुरक्षा कर्मियों ने बाहर ही रोक रखा था। वे अखिलेश यादव से मिलने के लिए पुलिस से भिड़ने लगे।
धक्का-मुक्की के बीच एक महिला कार्यकर्ता सीढ़ियों से नीचे गिर गईं। इस पर सपाई भड़क गए। वे कोतवाली पुलिस और पूर्व मुख्यमंत्री के साथ चल रहे सुरक्षा कर्मियों से भिड़ने लगे। बाद में सपा मुखिया ने एक-एक करके सभी को अंदर बुलाकर उनका गुस्सा शांत किया। सभी ने उनके साथ सेल्फी ली।
सशर्त कुबूल की सुल्तान की चाय
जब सपा मुखिया का मूड थोड़ा बेहतर हुआ तो मीरगंज के पूर्व विधायक सुल्तान बेग ने सुबह की चाय अपने आवास पर पीने की गुजारिश की। अखिलेश यादव बेसाख्ता बोले, इन्हें (शहजिल) बुलाओगे। सुल्तान कह पड़े आपके सामने दावत दे रहा हूं। इनके पिताजी इस्लाम साबिर को भी बुलाओ। सुल्तान के ऐसा करते ही सपा अध्यक्ष ने रविवार को सुबह 10 बजे चाय की दावत कुबूल कर ली।
भगवत को मिली तरजीह
पूर्व मुख्यमंत्री ने रामपुर से बरेली वापसी पर पूर्व मंत्री भगवत सरन गंगवार को तरजीह दी। मीरगंज में लाभारी चौकी के पास सीमा में प्रवेश करते ही आजम खां के विधायक पुत्र अब्दुल्ला आजम गाड़ी से उतर गए। तब अखिलेश यादव ने तमाम स्थानीय नेताओं की मौजूदगी में भगवत सरन गंगवार को अपने साथ गाड़ी में बैठा लिया। जगह-जगह स्वागत के बीच सर्किट हाउस तक उन्हें साथ लाए।