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UP Assembly Elections 2022 के लिए सपा ने बदली टिकट नीति, जानिए अब किस आधार पर तय होगा प्रत्याशी का टिकट

UP Assembly Elections 2022 सत्ता में आने के लिए समाजवादी पार्टी हर हथकंडा और प्रयास करने में जुटी हुई है। जहां पार्टी मुखिया राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव रथ लेकर जिलों में जा रहे हैं। उनकी रैली और जनसभाओं में भीड़ तो उमड़ रही है।

By Ravi MishraEdited By: Published: Mon, 06 Dec 2021 08:47 AM (IST)Updated: Mon, 06 Dec 2021 05:50 PM (IST)
UP Assembly Elections 2022 के लिए सपा ने बदली टिकट नीति, जानिए अब किस आधार पर तय होगा प्रत्याशी का टिकट
UP Assembly Elections 2022 के लिए सपा ने बदली टिकट नीति,

बदायूं, अंकित गुप्ता। UP Assembly Elections 2022 : सत्ता में आने के लिए समाजवादी पार्टी हर हथकंडा और प्रयास करने में जुटी हुई है। जहां पार्टी मुखिया राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव रथ लेकर जिलों में जा रहे हैं। उनकी रैली और जनसभाओं में भीड़ तो उमड़ रही है, लेकिन पार्टी इस भीड़ को लेकर को आत्ममुग्धता में रहना नहीं चाहती। यही कारण है कि पार्टी हर जिले में प्रत्याशिता के दावेदारों की मजबूती और प्रत्याशी चयन के बाद होने वाली बगावत की संभावनाओं को तलाश रही है। इसके लिए प्रदेश के अलग-अलग विश्वविद्यालयों के विधि और शोध के छात्रों के अलावा सर्वे करने वाली कंपनियों को भी लगाया गया है। जो विधानसभावार आमजन से बातचीत के आधार पर सर्वे की रिपोर्ट तैयार कर रही हैं। जिसे इसी दिसंबर माह में पार्टी मुखिया अखिलेश यादव को सौंपा जाएगा।

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जनता की आवाज तय करेगी किसे मिलेगा टिकट 

सर्वे में सबसे मुख्य आमजन की राय है। आमजन के बीच पहुंच कर सर्वे करने वाली टीम लोगों के बीच पार्टी में प्रत्याशी के दावेदारों की छवि को जानने का काम कर रही है। किस दावेदार की आमजन में कितनी पैठ है, यह भी देखा जा रहा है। इसके अलावा कौन दावेदार अपने क्षेत्र में पार्टी की नीतियों रीतियों और पूर्व की सपा सरकार के कार्यों को पहुंचाने के लिए क्या काम कर रहा है, इसे भी सर्वे में देखा जा रहा है। इसके बाद किसी विधानसभा क्षेत्र में किस जाति, धर्म के कितने लोग रहते हैं, इसका भी आंकलन किया जा रहा है। हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि अब तक आए आवेदकों के अलावा पार्टी ने कुछ नाम अलग से भी दिए हैं। उन नामों को लेकर भी क्षेत्र मेंं जाकर उनका रिपोर्ट कार्ड तैयार किया जा रहा है। अगर आवेदकों से इतर दिए गए नाम ज्यादा मजबूत होते हैं, तो पार्टी उन्हें भी टिकट देने पर विचार कर सकती है।

गुटबाजी और बगावती तेवर अपनाने वाले चिन्हित

इस सर्वे के इतर पार्टी मुखिया अखिलेश यादव की अपनी एक टीम जिलों में चल रही गुटबाजी और बगावती तेवर अपनाने वालों को भी चिन्हित कर रहे हैं। पार्टी मुखिया की इस टीम में प्रदेश अध्यक्ष के अलावा एमएलसी सुनील यादव साजन समेत उनके कई अपने कार्यकर्ता भी शामिल हैं। यह टीम जिले के छोटे कार्यकर्ता से लेकर वरिष्ठ पदाधिकारी तक के संपर्क में है। जिनके जरिए जिले में चल रही गुटबाजी की जानकारी ली जा रही है। बता दें कि जिले की बिल्सी और सदर विधानसभा क्षेत्र से पार्टी प्रत्याशी को लेकर चल रही गुटबाजी की जानकारी पार्टी मुखिया की टीम को मिली है।

सभी विधानसभा सीटों से प्रत्याशिता के लिए दावेदारों ने आवेदन किए हैं। कुल 40 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें से छह आवेदन सदर विधानसभा सीट के लिए भी आए हैं। प्रत्याशी कौन होगा, यह तो राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ही तय करेंगे। लेकिन पार्टी का हर कार्यकर्ता और पदाधिकारी पूरी जी-जान से मेहनत में जुटा है। प्रदेश में सरकार सपा ही बनाएगी। - प्रेमपाल सिंह यादव, सपा जिलाध्यक्ष


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