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बरेली के बाजार की राह में मुश्किलें हजार

त्योहारों का मौसम। खुशियों को समेटने परिवार संग बाजार की तरफ बढ़ते लोगों के कदम। लोगों के मन में खरीदारी का उत्साह और उनके इंतजार में पलक पांवड़े बिछाए तैयार बाजार। सब कुछ फीलगुड..। हालांकि शहर के बाजार में इन दिनों निकलने पर सिर्फ खीझ ही हो रही है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 28 Oct 2020 02:40 AM (IST)Updated: Wed, 28 Oct 2020 02:40 AM (IST)
बरेली के बाजार की राह में मुश्किलें हजार
बरेली के बाजार की राह में मुश्किलें हजार

बरेली, जेएनएन : त्योहारों का मौसम। खुशियों को समेटने परिवार संग बाजार की तरफ बढ़ते लोगों के कदम। लोगों के मन में खरीदारी का उत्साह और उनके इंतजार में पलक पांवड़े बिछाए तैयार बाजार। सब कुछ फीलगुड..। हालांकि शहर के बाजार में इन दिनों निकलने पर सिर्फ खीझ ही हो रही है। पहली वजह जगह-जगह खोदाई और दूसरी बेतरतीब ट्रैफिक सिस्टम। कहीं नो पार्किग में खड़ी गाड़ियों से लगा जाम तो कहीं नो एंट्री में जबरदस्ती घुसते वाहन। किसी बाजार में पार्किग की समस्या। कुल मिलाकर बाजार में अनियंत्रित भीड़ हमारी खुशियों में कहीं न कहीं खलल डाल रही है। इस अव्यवस्था से ग्राहक और दुकानदार दोनों प्रभावित हैं। जागरण ने त्योहारी सीजन में बाजार में ट्रैफिक सिस्टम का जायजा लिया तो खुला बेपरवाहियों का पुलिंदा..।

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कुतुबखाना : चार बैरियर होने के बाद भी घुस जाते है वाहन (फोटो)

शहर के मुख्य बाजार कुतुबखाना में बड़े वाहन प्रतिबंधित हैं। यातायात विभाग ने डायवर्जन लागू किया है। कोतवाली के सामने और कोहाड़ापीर में चौकी के सामने बैरियर लगे रहते हैं। प्रतिबंध के बावजूद मंगलवार को लोग जबरन कार और बड़े वाहन बाजार में ले जाते रहे। आटो और ई-रिक्शा भी प्रतिबंध के बावजूद यहां बेरोक-टोक चलते मिले।

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बैरियर नंबर एक : कोतवाली के सामने (फोटो)

सिविल लाइंस से कार, ऑटो, ई-रिक्शा कुतुबखाना न जाएं, इसके लिए कोतवाली के सामने से रूट डायवर्जन किया गया है। सामने से आने वाले वाहनों को बिहारीपुर रोड की तरफ भेजने के निर्देश हैं। बावजूद इसके बैरियर पर तैनात पुलिस की लापरवाही से वाहन अंदर घुस जाते हैं जिससे बाजार में जाम लगता है। बैरियर दो : कोहाड़ापीर (फोटो)

प्रेमनगर की तरफ से ऑटो, कार, ई-रिक्शा कुतुबखाना न पहुंचें, इसके लिए कोहाड़ापीर पेट्रोल पंप के सामने बैरियर लगाए गए हैं। वाहनों को वहीं रोककर वापस करना होता है, लेकिन उसके बाद भी वाहन घुस जाते हैं। एक कार भी कुतुबखाने की तरफ घुसी तो घंटों जाम लगना तय। बैरियर तीन : किला क्रासिग के सामने (फोटो)

सबसे खराब हालात किला क्रासिग से कुतुबखाना रोड पर मिले। इस रोड पर बड़े वाहन न घुसें, इसके लिए किला क्रासिग के सामने बैरियर बनाया गया है। किला क्रासिग पर बड़ी संख्या में ट्रांसपोर्टर हैं। जहां ट्रकों से व्यापारियों का माल उतरता है। माल ऑटो, ई रिक्शा और जुगाड़ वाहन से दुकानों तक पहुंचता है। सभी वाहनों को किला रोड पर दिन में घुसने पर रोक है। बावजूद इसके ट्रैफिक पुलिस की सेटिग से ये सारे वाहन माल लोड करके यहां घुस जाते हैं जिससे दिन भर किला रोड पर लोग जाम से जूझते हैं। बैरियर चार : आलमगिरीगंज

यही हाल आलंगिरीगंज का है। जहां से कार, ऑटो, ई रिक्शा कुतुबखाना पहुंच जाते है। बैरियर पर तैनात पुलिस किनारे खड़ी मिली। लोग प्रतिबंध के बावजूद मनमाने तरीके से वाहनों से गुजरते नजर आए और आलमगिरीगंज तिराहा भीषण जाम की चपेट में रहा।

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फुटपाथ पर काउंटर, सड़कों पर पार्किंग

बड़ाबाजार, कुतुबखाना, घंटाघर, किला, आलमगिरीगंज, कोहाड़ापीर आदि प्रमुख बाजारों का हाल यह है कि ज्यादातर व्यापारियों के दुकानों के काउंटर दुकान के अंदर नहीं बल्कि फुटपाथ पर लगते हैं। इसके बाद उनके और खरीदारों के वाहन सड़क पर ही पार्क कर दिए जाते हैं। नतीजा यह होता है कि 30 और बीस फीट की सड़क 10 फीट में सिमट जाती है जो जाम का मुख्य कारण है।

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बोले व्यापारी कुतुबखाना में ट्रैफिक की स्थिति बदहाल है। कई गलियों में ट्रैफिक पुलिस होती ही नहीं। इन दिनों तो ई-रिक्शा सबसे ज्यादा समस्याएं उत्पन्न कर रहे हैं। बाजार में इनकी एंट्री बंद होनी चाहिए।

- संजय आनंद, व्यापारी कुतुबखाने पर ट्रैफिक को व्यवस्थित करने की जरूरत है सबसे बड़ी दिक्कत वहां पर पार्किंग की है। दो साल पहले मल्टी स्टोरी पार्किंग का उद्घाटन हुआ था लेकिन आज तक अधिकारियों की वजह से पार्किंग नहीं बन पाई है। जिसकी वजह से सभी व्यापारियों के वाहन दुकानों के बाहर खड़े होते हैं। जिससे ट्रैफिक व्यवस्था बहुत खराब होती है, ई-रिक्शा चाल कौन है ट्रैफिक के सारे नियमों को अनदेखा कर रखा है।

- विशाल मेहरोत्रा, अध्यक्ष राष्ट्र जागरण उद्योग व्यापार मंडल प्रशासन ने कुतुबखाना चौराहा से वन वे ट्रैफिक खत्म कर सही किया। अब इस चौराहे पर ट्रैफिक व्यवस्थित रूप से होना चाहि। आज जनसंख्या और ट्रैफिक के बढ़ते दबाव की वजह से यहां फ्लाईओवर बनना चाहिए।

- तरुण साहनी, आर्य समाज गली कुतुबखाना बरेली कुतुबखाना के चारों तरफ से कार, ऑटो, ई-रिक्शा मुख्य बाजार में घुस जाते है। इधर उधर सड़को पर वाहन खड़े कर खरीदारी करते है। यहां का जाम लोगों के लिए नासूर बन गया है। - मुहम्मद हसीन, व्यापारी वर्जन

त्योहारों के सीजन है बाजारों में भीड़ है। रोक के बावजूद कर, ऑटो, ई-रिक्शा रूट डायवर्जन का पालन नहीं कर रहे। सख्त कार्रवाई की जाएगी। रूट डायवर्जन का सख्ती से पालन कराया जाएगा।

- संजीव कुमार वाजपेयी, एसपी ट्रैफिक


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