बदलेगी देवचरा की महिलाओं की दशा
देवचरा की नई बस्ती निवासी नौ महिलाओं की पहल ही उन्हें दुर्दशा और अभावों के जीवन से आजाद कराएगी। अपने पक्के शौचालय के लिए मानवाधिकार आयोग का दरवाजा खटखटाने के मामले में डीएम ने संज्ञान लिया है।
By Edited By: Published: Sun, 18 Feb 2018 03:19 AM (IST)Updated: Sun, 18 Feb 2018 10:22 AM (IST)
बरेली : देवचरा की नई बस्ती निवासी नौ महिलाओं की पहल ही उन्हें दुर्दशा और अभावों के जीवन से आजाद कराएगी। अपने पक्के शौचालय के लिए मानवाधिकार आयोग का दरवाजा खटखटाने के मामले में डीएम ने संज्ञान लिया है। डीएम राघवेंद्र विक्रम सिंह ने शनिवार शाम को मुख्य विकास अधिकारी और तहसील आंवला से इस बारे में जांच व सर्वे करा के रिपोर्ट मांगी है। गांव में सोमवार को टीम जाएगी। भमोरा के पास देवचरा ग्राम पंचायत की नई बस्ती निवासी शबीना, रईसा सुल्ताना, खातून, नूरबानो, सलीमा सहित नौ महिलाओं ने अपने घर और शौचालय न मिलने पर डीएम, सीडीओ तक से मदद न मिलने पर आयोग में पत्र लिखा है। आयोग के चेयरमैन न्यायाधीश एस. रफत आलम ने सीधे डीएम को इस मामले में तुरंत जरूरी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। तीन बार हुआ सर्वे उधर गांव में पड़ताल में पता चला कि पिछले तीन साल में गांव में तीन बार सर्वे कार्य कराया गया। हर बार गरीबों और भूमिहीनों को अपने सरकारी आवास, शौचालय दिलाने का वादा और झांसा तो मिला लेकिन यह वादा हवा में ही रहा। दो माह पहले जिला प्रोबेशन अधिकारी ने भी सर्वे किया था। फिर भी इनकी तकदीर नहीं बदल सकी। अब आयोग का डंडा चलने पर प्रशासन हरकत में आया है।
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