धनतेरस से पहले पुष्य नक्षत्र पर आटोमोबाइल और सराफा बाजार की चांदी
पुष्य नक्षत्र पर ग्राहकों का उत्साह देखकर अब कारोबारी धनतेरस की तैयारियों में जुट गए हैं। बांके बिहारी आटोमोबाइल के निखिल बताते हैं कि पुष्य नक्षत्र पर पिछले दिनों की तुलना में ज्यादा ग्राहक पहुंचे। देहात में अधिक एजेंसियां होती है लेकिन ग्राहकों की आमद शहरों में अधिक रही।
बरेली, जेएनएन। धनतेरस से पहले पुष्य नक्षत्र पर सराफा बाजार और ऑटोमोबाइल सेक्टर का बाजार पूरी रौनक में है। रविवार को सराफा बाजार में चांदी के दाने और पूजा के लिए लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति बिकीं। सराफा कारोबारियों के साथ आटो मोबाइल सेक्टर की भी चांदी रही। शहर से लेकर देहात तक की एजेंसी पर करीब एक हजार बाइक और 150 कार बेची गईं।
पुष्य नक्षत्र पर ग्राहकों का उत्साह देखकर अब कारोबारी धनतेरस की तैयारियों में जुट गए हैं। बांके बिहारी आटोमोबाइल के निखिल बताते हैं कि पुष्य नक्षत्र पर पिछले दिनों की तुलना में ज्यादा ग्राहक पहुंचे। देहात में अधिक एजेंसियां होती है, लेकिन ग्राहकों की आमद शहरों में अधिक रही। सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप अग्रवाल उर्फ मिंंटू के मुताबिक धनतेरस से पहले सराफा की दुकानों पर ग्राहक अधिक पहुंचने से कारोबारियों की मुस्कान लौटी है। अनुमान है कि करीब 25 करोड़ के जेवर पुष्य नक्षत्र पर सराफा बाजार में बिके हैं।
रविवार की अनुमानित बिक्री
बाइक - 1000
कार - 150
चांदी के जेवर - 10 करोड़
चांदी के लक्ष्मी-गणेश - 5 करोड़
दीपावली से पहले खरीदारी के कई शुभ मुुहुर्त
ज्योतिषाचार्य पंडित मुकेश मिश्रा के मुताबिक इस बार दीपावली से पहले खरीदारी के कई शुभ मुहुर्त बन रहे हैं। इनपर खरीदारी के शुभ संयोगों से कारोबारियों में उत्साह है।
नौ नवंबर को अष्टमी और ब्रह्म योग रहेगा। इस दिन चांदी और सफेद वस्तुओं को खरीदना बहुत शुभ माना जाता है। 10 नवंबर को मंगलवार है। इस दिन सोना और तांबे की खरीदारी शुभदायक रहती है। 12 नवंबर को मध्याह्न प्रीति योग भी शुरू हो जाएगा। इस दिन अन्न, कपड़ा, झाडू, भूमि, भवन और वाहन की खरीदारी शुभ सूचक है। 13 नवंबर को चित्रा नक्षत्र प्रीति योग है। इस तिथि में कॉस्मेटिक की खरीदारी बेहतर मानी जाती है। 14 नवंबर को चतुर्दशी और अमावस्या दोनों तिथि हैं। इस दिन आयुष्मान और सौभाग्य, दोनों योग रहेंगे। दीपावली होने से यह स्वयं सिद्ध मुहूर्त होता है। इस दिन किसी भी वस्तु की खरीदारी करना नित्य निरंतर उन्नति में वृद्धि होती है।
कुल होते हैं 27 नक्षत्र
वैसे तो कुल 27 नक्षत्र होते हैं। दिन योग व करण के संयोग को लेकर नक्षत्र बनता है। सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग, गुरु पुष्य नक्षत्र के साथ-साथ रवि पुष्य नक्षत्र का महत्व शास्त्रों में दिया गया है। पुष्य नक्षत्र सभी नक्षत्रों का राजा होता है। वहीं रविवार भी सभी गृहों का राजा है। ऐसे में दोनों का संयोग इस मुहुर्त को और भी खास बना देता है। सोना, जमीन, विद्या का शुभारंभ, दान करना, खरीदारी करना अत्यंत लाभकारी होता है।