दारोगा ने जो सुसाइड नोट फाड़ा था उसे खुदकुशी करने वाले शिशुपाल ने नहीं लिखा, हैन्डराइटिंग की जांच में खुला राज
शिशुपाल की जेब से एक सुसाइड नोट भी मिला था। आरोप था कि मौके पर जांच करने पहुंचे दारोगा ने सुसाइड नोट फाड़ दिया। पड़ताल में सुसाइड नोट फर्जी पाया गया। सुसाइड नोट की हैन्डराइटिंग और हस्ताक्षर विशेषज्ञ से जांच कराने पर इसके शिशुपाल के द्वारा नहींं लिखा पाया गया।
बरेली, जेएनएन। घर से जवान बेटी के भाग जाने, पुलिस के कार्रवाई नहीं करने और खाकी वालों के अभद्र व्यवहार से आहत होकर आंवला के शिशुपाल ने खुदकुशी कर ली थी। चौकी इन्चार्ज रामरतन पर लड़की बरामद करने के लिए पैसे मांगने का आरोप भी लगाया गया था।शिशुपाल की जेब से एक सुसाइड नोट भी मिला था। आरोप था कि मौके पर जांच करने पहुंचे दारोगा ने सुसाइड नोट फाड़ दिया। मामले की पड़ताल में सुसाइड नोट फर्जी पाया गया। सुसाइड नोट की हैन्डराइटिंग और हस्ताक्षर विशेषज्ञ से जांच कराने पर इसके शिशुपाल के द्वारा नहींं लिखा पाया गया।अब माना जा रहा हैै कि साजिश के तहत वहां पर सुसाइड नोट रखा गया था।पुलिस अब पड़ताल कर रही है कि सुसाइड नोट किसने लिखा था।उसकी पहचान होने पर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस की कार्यप्रणाली व दबंगों के आतंक से आहत था शिशुपाल
मऊ-चंदपुर के शिशुपाल की मौत से ग्रामीण भी गुस्से में थे। खुदकुशी का मुख्य कारण पुलिस की लापरवाही व दबंगों द्वारा दी जाने वाली धमकियां थी। बेटी को तलाशने के लिए जब वह पुलिस से कहता तो पुलिस ने गंभीरता से नहीं लिया। दबंग खुले आम उस पर व्यंग्य कसते थे।
नवरात्र में ही होनी थी युवती की शादी
शिशुपाल ने अपहरण की तहरीर में पुत्री को नाबालिग बताया था। वहीं कहा जा रहा है कि वह स्नातक की पढ़ाई कर रही थी। पिता ने उसकी शादी बदायूं के किसी गांव से तय कर दी थी। शिशुपाल के एक पुत्र व चार पुत्रियां हैंं। वह दो पुत्रियों का विवाह कर चुके थे। उनके पास मात्र दो बीघा जमीन थी तथा कपड़े की फेरी लगाकर अपने परिवार का संचालन कर रहे थे।
आरोपित पक्ष घरों से हुए फरार
जिन लोगों पर युवती के अपहरण का आरोप लगाया गया है वह गांव के ही हैंं। खुदकुशी के बाद से वे लोग घरों में ताले डालकर फरार हो गए। एहतियात के तौर पर गांव में पुलिस बल तैनात किया हुआ है।