शंकराचार्य ने अर्थव्यवस्था को लेकर जताई चिंता, बोले- दिशाहीन कर रहे राजनीतिक दल Bareilly News
पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद जी महाराज ने देश की अर्थव्यवस्था को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल अर्थव्यवस्था को दिशाहीन करने में जुटे हैं।
बरेली, जेएनएन : पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद जी महाराज ने देश की अर्थव्यवस्था को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल अर्थव्यवस्था को दिशाहीन करने में जुटे हैं। अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। शंकराचार्य ने कहा कि भारत का पिछड़ापन दूर करने के लिए नेताओं का मनोबल ठीक हो तो पांच साल में देश को समृद्ध बनाया जा सकता है।
शंकराचार्य रविवार को यहां आनंद आश्रम में आयोजित विचार गोष्ठी एवं पादुका पूजन कार्यक्रम में लोगों के सवालों का जवाब दे रहे थे। कहा कि जनता बड़ी आशाओं के साथ सांसद चुनती है, लेकिन वे वहां जाकर क्या करते हैं, सबको पता है। अब तो पार्लियामेंट्री लैंग्वेज का सीधा सा अर्थ हो गया है- गाली गलौज, हाथापाई। इसी प्रकार विधायकों को इधर से उधर खिसकाना भी सम्पत्ति का हरण होता है।
राजनीति में आने से गिर जाता है संतों का स्तर : क्या संतों को राजनीति में आना चाहिए? इस सवाल पर शंकराचार्य बोले, अगर राजनीति में संत उन्माद न फैलाकर चार चांद लगा देते हैं तब उनका राजनीति में जाना गलत नहीं है। लेकिन राजनीति में जाने से संतों का स्तर गिर ही जाता है। इसलिए संत दिशा दें तो अच्छा है।
इससे पहले दोपहर 12.10 बजे सत्संग भवन पहुंचे शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद जी महाराज का मंत्रोचारण के साथ स्वागत किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम में अशोक गोयल, संजीव अग्रवाल, पंकज अग्रवाल, महेंद्र अग्रवाल सहित श्री गुरु वशिष्ठ संस्कृत गुरुकुलम और टीबरी नाथ संस्कृत विद्यालय के बच्चे मौजूद रहे।
आनंद आश्रम में प्रवचन करते शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ’ जागरण
अमीरों के लिए नहीं कोई भरोसेमंद बैंक : उन्होंने कहा कि भारत में अमीरों के लिए कोई ऐसा भरोसेमंद बैंक नहीं है जहां अपनी सम्पत्ति जमा कर सकें। यानी स्वतंत्र भारत में भी डंके की चोट पर आर्थिक स्रोत को दिशाहीन करने का प्रयास चल रहा है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति भी अर्थ का स्रोत ढूंढने के लिए भारत आए। फिर भी हमारे नेता नहीं सचेत हो रहे।यही वजह है कि तीसरा संभावित विश्व युद्ध भी अर्थ को लेकर ही सुनिश्चित है।
हमारे आकर्षण का केंद्र सिर्फ भगवान ही हैं। अन्य कोई नहीं। इस बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए। यह विचार पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज ने रविवार शाम श्री हरि मंदिर में व्यक्त किए।
उन्हें सुनने के लिए एडीजी अविनाश चंद्र, उनकी पत्नी स्मिता, विधायक राजेश मिश्र सहित बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। अपने प्रवचन में उन्होंने कहा कि भौतिकतावादियों के लिए जीवन सिर्फ जीविका मात्र है। इसलिए उनका जीवन भी व्यर्थ ही सिद्ध होता है। अनादि काल से जन्म और मृत्यु का सिलसिला चल रहा है।
दुनिया में रोजाना असंख्य लोग जन्म तो लेते हैं, लेकिन कम ही हैं जिनका जन्म सिद्ध होता है। इसलिए हर मनुष्य के जीवन का लक्ष्य तय होना चाहिए। वह लक्ष्य भी सार्थक हो। उन्होंने कहा कि भगवान भी आयु बढ़ा-बढ़ा कर किसी को मृत्यु से मुक्त नहीं कर सकते।