Bed Admission 2019 : धोखाधड़ी से सीट लॉक करने वाले कॉलेजों पर मुकदमा Bareilly News
निजी कॉलेजों के कई विषयों में बमुश्किल चार से दस सीटें ही भरी हैं। रिक्त सीटें भरने के प्रयास में जुटे कुछ कॉलेजों ने धोखाधड़ी का रास्ता चुन लिया।
बरेली, जेएनएन : एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेज धोखाधड़ी कर छात्रों की सीट लॉक करने पर उतर आए हैं। परेशान छात्रों ने भी इनके विरुद्ध मोर्चा खोल दिया। रुविवि सूत्रों के मुताबिक करीब दस छात्रों ने विभिन्न कॉलेजों के खिलाफ धोखाधड़ी के मुकदमे दर्ज कराए हैं। जिसके आधार पर रुविवि ने कॉलेज द्वारा लॉक इन छात्रों की सीट अनलॉक की हैं।
रुविवि में स्नातक की 3.73 लाख सीटें हैं। इसके सापेक्ष मंगलवार तक स्नातक और परास्नातक में 1.22 लाख प्रवेश हुए हैं। निजी कॉलेजों के कई विषयों में बमुश्किल चार से दस सीटें ही भरी हैं। रिक्त सीटें भरने के प्रयास में जुटे कुछ कॉलेजों ने धोखाधड़ी का रास्ता चुन लिया। वह साइबर कैफों से छात्रों का डाटा, लॉगइन-आइडी और पासवर्ड लेकर खुद ही सीट लॉक करने लगे। रुविवि में कॉलेज द्वारा बगैर बताए सीट लॉक करने की सैकड़ों शिकायतें पहुंची हैं। मंगलवार को भी दर्जनों विद्यार्थी कुलसचिव और परीक्षा नियंत्रक के कक्ष के बाहर शिकायतें लिए खड़े थे।
धोखाधड़ी हुई तो कराएं एफआइआर
रुविवि का तर्क है कि जिन छात्रों का प्रवेश धोखाधड़ी से किया गया है। वह नजदीकी थाने में एफआइआर कराएं। इसकी कॉपी लेकर आएं। उनकी सीट अनलॉक कर दी जाएगी। इसके बाद वह दूसरे कॉलेज में प्रवेश ले सकते हैं।
कॉलेज बदलने को निरस्त कराएं प्रवेश
जो छात्र प्रवेश ले चुके हैं। अब वह दूसरे कॉलेज में एडमिशन लेना चाहते हैं, तो उन्हें पहले कॉलेज से प्रवेश निरस्त कराना होगा। या कॉलेज से लिखवाकर लाएं कि उन्हें दूसरे कॉलेज में प्रवेश की अनुमति दे दी जाए। तब विवि से उनकी सीट अनलॉक की जाएगी।
सीधे विवि से प्रवेश निरस्त कराने का अधिकार नहीं
अगर कोई छात्र किसी कॉलेज में स्नातक या परास्नातक में प्रवेश ले चुका है। अब वह दूसरे कॉलेज में प्रवेश लेना चाहता है। तब उनके पास सीधे विवि से प्रवेश निरस्त कराने का कोई अधिकार नहीं है।
धोखाधड़ी कर सीट लॉक करने के प्रकरण निस्तारित करने के लिए कंट्रोल रूम बना है। कितने छात्रों ने एफआइआर कराई। इसकी जानकारी नहीं है। -प्रो. एसके पांडेय, प्रवेश समन्वयक रुविवि