शिक्षक विधायक चुनाव : एसडीएम की रिपोर्ट से खुला मतदाता सूची का खेल, लापता संस्थान के दर्जन भर शिक्षक मिले मतदाता
फरीदपुर एसडीएम विशु राजा ने क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी को लिखा कि पीजीआइ मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट नाम का कोई संस्थान हमारे क्षेत्र में मौजूद नहीं है।
बरेली, जेएनएन। शिक्षक विधायक चुनाव के लिए तैयार मतदाता सूची पर कमिश्नर रणवीर प्रसाद द्वारा जांच बैठाए जाने के बाद गड़बड़ियों की पोल धीरे-धीरे खुलने लगी है। शुक्रवार को फरीदपुर एसडीएम विशु राजा ने क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी को लिखा कि पीजीआइ मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट नाम का कोई संस्थान हमारे क्षेत्र में मौजूद नहीं है। जबकि सूची में इस कॉलेज के 12 शिक्षकों को मतदाता बनाया गया है। अब इसे लेकर राजनीति भी गरमा रही है।
भाजपा महानगर अध्यक्ष केएम अरोरा ने पदाधिकारियों के साथ डीआइओएस से मुलाकात कर जांच की मांग उठाई। लॉकडाउन के चलते चुनाव टलने के बाद शाहजहांपुर के शिक्षक विधायक संजय मिश्रा ने मतदाता सूची में गड़बड़ी का अंदेशा जाहिर करते हुए सीबीएसई स्कूलों के 38054 शिक्षकों को मतदाता बनाए जाने पर सवाल उठाया था।
कमिश्नर रणवीर प्रसाद ने बरेली और मुरादाबाद मंडल के सभी जिलाधिकारी, सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी से 27 जून तक जांच आख्या तलब की है। कमिश्नर से मुलाकात से पहले शिक्षक विधायक ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र भेजकर गड़बड़ी का आरोप लगाया था। उनके पत्र पर संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी अवनीश सक्सेना ने कमिश्नर बरेली रणवीर प्रसाद से 30 जून तक आख्या देने के लिए कहा है।
छानबीन में पीजीआइ मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट हमारे क्षेत्र में संचालित होता हुआ नहीं पाया गया है। क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी को इसकी रिपोर्ट भेज दी गई है। - विशु राजा, एसडीएम फरीदपुर
जांच शुरू हुई तो खुद ही वोट कटवाने लगे स्कूल
शिक्षक निर्वाचन के लिए तैयार की गई मतदाता सूची की जांच शुरू होते ही स्कूलों ने खुद ही वोट कटवाना शुरू कर दिया है। जिला विद्यालय निरीक्षक को भेजे गए पत्र में पोथीराम इंटरनेशनल स्कूल पंडरा नवाबगंज के ¨प्रसिपल ने कहा है कि निर्वाचन नामावली में मेरे स्कूल से नियम विरुद्ध कुल छह वोट बने हैं।
मुझे नियमों की जानकारी नहीं थी। एक प्रत्याशी की टीम ने भ्रामक सूचना देकर प्रारूप 19 भरवा लिया था। विद्यालय से बने समस्त मतों को निरस्त करने के लिए प्रारूप-7 भरकर निर्वाचन अधिकारी बरेली को उपलब्ध करा दिया है। अनभिज्ञता में हुई गलती को स्वीकार करते हुए स्कूल ने माफी भी मांगी है।