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राखी बांधते समय बोलें यह मंत्र, होंगे दीर्घायु Bareilly News

माना जाता है कि इससे पापों का नाश होता है। ब्राह्मण समाज के लोग रक्षाबंधन पर ही अपना जनेऊ भी परिवर्तित करते हैं।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Thu, 15 Aug 2019 11:27 AM (IST)Updated: Thu, 15 Aug 2019 03:42 PM (IST)
राखी बांधते समय बोलें यह मंत्र, होंगे दीर्घायु Bareilly News
राखी बांधते समय बोलें यह मंत्र, होंगे दीर्घायु Bareilly News

बरेली, जेएनएन : इस वर्षा रक्षाबंधन का पर्व शुभ संयोग के साथ उपस्थित हुआ है। भद्रा काल का साया नहीं है। पूरा दिन शुभ है। राखी बांधने का मुहूर्त सुबह 10.22 बजे से से शुरू होगा। रात 8.08 बजे तक बहनें राखी बांध सकेंगी। दोपहर और प्रदोष काल में दो शुभ मुहूर्त भी मिलेंगे।

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मीरगंज जाने से पहले अपने भाई सचिन के राखी बांधती बहन दीपा। शुभ मुर्हूत के चलते दीपा ने रोडवेज पर ही भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधा। जागरण 

  • राखी बांधने का मुहूर्त : सुबह 10.22 बजे से रात 8.08 बजे तक।
  • शुभ मुहूर्त अपराह्न : दोपहर 1.06 बजे से 3.20 बजे तक।
  • प्रदोष काल का मुहूर्त : शाम 05.35 बजे से रात 8.08 बजे तक। 

श्री धोपेश्वरनाथ मंदिर के ठाकुरदारा के आचार्य घनश्याम जोशी ने बताया कि रक्षाबंधन पर नदी में स्नान कर सूर्य को जल चढ़ाने का भी महत्व है। माना जाता है कि इससे पापों का नाश होता है। ब्राह्मण समाज के लोग रक्षाबंधन पर ही अपना जनेऊ भी परिवर्तित करते हैं। उन्होंने बताया कि इस बार रक्षाबंधन के मुहूर्त में किसी भी समय भद्रा काल का योग नहीं है। इसलिए बहनें कभी भी भाइयों को राखी बांध सकेंगी। दोपहर और प्रदोष काल में उन्हें दो शुभ मुहूर्त भी मिलेंगे, जिससे उनका अपने भाई के प्रति प्रेम और प्रगाढ़ होगा।  


बरेली के सेंटल जेल में अपने कैदी भाईयों के राखी बांधने के लिए बहने सुबह 6:30 बजे से लाइन में इंतजार करती रहीं। जागरण 

राखी बांधते समय बोले यह मंत्र

राखी बांधते समय बहनों को सबसे पहले भाईयों को टीका लगाना चाहिए और राखी बांधते हुए रक्षासूत्र मंत्र बोलना चाहिए। 'येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल: तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि रक्षे माचल माचल:' राखी का यह छोटा सा मंत्र है जिसे चार से पांच बार पढ़कर आप याद कर सकते हैं। इससे राखी एक सामान्य धागा न होकर भाई के लिए रक्षासूत्र बनेगी और वह दीर्घायु प्राप्त करते हैं। कलावा बांधते समय भी पुरोहितजी इसी मंत्र का उच्चारण करते हैं।  

क्या है नियम 

धार्मिक मान्यता है कि रक्षाबंधन का त्योहार भद्रा मुक्त पूर्णिमा तिथि में किया जाना चाहिए। कई बर्षों बाद इस वर्ष ऐसा संयोग बना है कि रक्षाबंधन पर सूर्योदय से पूर्व ही भद्रा समाप्त हो रहा है। इससे पूरे दिन सूर्यास्त कर भाई-बहन राखी का त्योहार मना सकते हैं।  


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