जीता संत का सत्याग्रह, डीएम ने अनशन स्थल पहुंचकर पुल निर्माण की घोषणा की
सरकारी मशीनरी की उपेक्षाओं का दंश झेल रहे लोगों की आवाज बने एक संत के सत्याग्रह आंदोलन ने सिस्टम को झुकने पर विवश कर दिया।
शाहजहांपुर, जेएनएन : सरकारी मशीनरी की उपेक्षाओं का दंश झेल रहे लोगों की आवाज बने एक संत के सत्याग्रह आंदोलन ने सिस्टम को झुकने पर विवश कर दिया। रामगंगा के हैदलपुर घाट पर पुल निर्माण के लिए सात दिन से अनशन पर बैठे संत शांतिदास की मांग गुरुवार को पूरी हुई। खुद डीएम अमृत त्रिपाठी आंदोलन स्थल पर पहुंचे और 24 घंटे में पैंटून पुल निर्माण शुरू कराने और सड़क बनवाने की घोषणा की। फिर जूस पिलाकर अनशन खत्म कराया।
पहुंचते ही जाना हालचाल, स्वास्थ्य परीक्षण कराया
रामगंगा किनारे के दर्जनों गांव के लोग नदी पार करने के लिए पुल न होने पर दूसरी तरफ से लगभग कटे रहते थे। कई साल से इसकी मांग चल रही थी। उपेक्षा से आजिज आकर संत शांतिदास लोगों की आवाज बने। हैदलपुर घाट पर ही अनशन शुरू कर दिया। एक-एक कर छह दिन बीत गए, तब प्रशासन ने सुध ली। दोपहर में डीएम अनशन स्थल पहुंचे। संत का हालचाल लिया। डॉक्टरों से स्वास्थ्य परीक्षण कराया। साथ आए पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता पीके पिथौरिया को 24 घंटे के भीतर पुल निर्माण शुरू कराने के निर्देश दिए। दोनों तरफ के आवागमन के लिए मगटोला से पुल और फिर वहां से हैदलपुर तक सड़क बनवाने की भी घोषणा की। पुल निर्माण की घोषणा होते ही लोग खुशी से झूम उठे। बधाई दीं। डीएम का आभार जताया।
93 करोड़ से बनेगा पक्का पुल, प्रस्ताव भेजा
डीएम ने कहा कि हैदलपुर में 93 करोड़ की लागत से पक्का पुल निर्माण का प्रस्ताव शासन को भेज दिया है। अगर जिले में तैनात रहा तो शिलान्यास में जरूर आउंगा। संत के सम्मान में पुल बनवाएंगे, लेकिन इसे लेकर राजनीति बर्दाश्त नहीं करेंगे।