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ट्रेन में अकेली यात्रा कर रही महिला को मंजिल तक पहुंचाएगी सहेली, जानें कौन है ये सहेली, कैसे करती है काम

Indian Railway News ट्रेन में अकेली यात्रा करने वालीं अधिकांश महिलाएं अधिकारों को लेकर सजग रहती हैं लेकिन कुछ ऐसी भी हैं जिन्हें अक्सर सफर के दौरान आने वालीं दुश्वारियों का भय बना रहता है। इसी भय को दूर करने के लिए मेरी सहेली अभियान चलाया जा रहा है।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Sat, 11 Dec 2021 05:40 PM (IST)Updated: Sat, 11 Dec 2021 08:03 PM (IST)
ट्रेन में अकेली यात्रा कर रही महिला को मंजिल तक पहुंचाएगी सहेली, जानें कौन है ये सहेली, कैसे करती है काम
बरेली स्टेशन से चलने वाली ट्रेन में चलाया जा रहा मेरी सहेली अभियान

बरेली, जेएनएन। Indian Railway News : ट्रेन में अकेली यात्रा करने वालीं अधिकांश महिलाएं अमूमन अपने अधिकारों को लेकर सजग रहती हैं, लेकिन कुछ महिलाएं ऐसी भी हैं, जिन्हें अक्सर सफर के दौरान आने वालीं दुश्वारियों का भय बना रहता है। इसी भय को दूर करने के लिए आरपीएफ द्वारा मेरी सहेली अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत बरेली से चलने वाली ट्रेनों में महिला सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है जो अकेले यात्रा करने वाली महिलाओं से यात्रा संबंधी जानकारी लेकर उन्हें मंजिल तक सुरक्षा प्रदान कर रही हैं।

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जंक्शन आरपीएफ थाना प्रभारी निरीक्षक विपिन कुमार शिशौदिया ने बताया कि मेरी सहेली एक ऐसी योजना है, जो महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाई गई है। दो महिला आरपीएफ का स्क्वाड जंक्शन से चलने वाली इंटरसिटी, आला हजरत एक्सप्रेस आदि गाड़ियों में महिला सिपाहियों के स्क्वायड उन महिला यात्रियों को चिन्हित करता है, जो महिलाएं अकेली सफर करती हैं। नियमित रूप से अकेली सफर करने वाली महिलाओं का एक चार्ट तैयार किया जाता है।

जिसमें महिला य्यात्री का नाम, पता, पीएनआर नंबर और मोबाइल नंबर भी रिकार्ड में लिखा जाता है। मेरी सहेली स्कवाड की ड्यूटी मुरादाबाद तक है। वहां से दूसरी टीम उस महिला की मानिटरिंग करती है। यह सिलसिला महिला के अंतिम स्टेशन तक चलता है। महिला के घर पहुंचने तक महिला से फोन पर जानकारी ली जाती है कि वह सुरक्षित अपने घर पहुंच गईं। बरेली जंक्शन पर पिछले 10 दिनों में करीब 70 महिलाओं की मानिटरिंग रिपोर्ट तैयार कर मुख्यालय भेजी गई है।

एक काल की दूरी पर होती है सहायताः अकेली महिला यात्री की ट्रेन में सफर की शुरूआत से लेकर उसके गंतव्य स्टेशन तक उसकी जानकारी रास्ते में आने वाले सभी स्टेशन तक पहुंचती है। इस सुरक्षा प्रणाली से महिला यात्री को जो सबसे बड़ी राहत है, वह यह है कि उनके साथ कोई भी अप्रिय घटना घटती है तो उन्हें एक काल पर चन्द मिनट में सहायता पहुंच जाएगी। ऐसा इसलिए सम्भव हो सकेगा क्योंकि यात्री की जानकारी कोच और सीट नंबर रेल सुरक्षा बल के पास पहले से उपलब्ध रहता है।

महिलाओं को किया जा रहा जागरूक, लिया जा रहा फीडबैकः ट्रेन में सफर करने वाली महिलाओं को मेरी सहेली अभियान की जानकारी दी जा रही है और उन्हें जागरूक किया जा रहा है। मेरी सहेली टीम में शामिल महिला विंग के पदाधिकारी ट्रेन के प्रत्येक कोच में जाकर महिलाओं को मेरी सहेली की जानकारी दे रही हैं। इसके साथ ही पंपलेट भी बांटा जा रहा है।


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