सारज की शहादत पर भाई सुखवीर सिंह का खौला खून, बोले- मौका मिलते ही सरहद पर आतंकियों को मारकर लूंगा बदला
Saheed Saraj Singh News मेरा भाई अब नहीं रहा...। यह दर्द ताउम्र मेरे व परिवार के साथ रहेगा लेकिन मुझे गर्व है कि वह देश की रक्षा में शहीद हुआ। उसने आखिरी दम तक आतंकियों का डटकर मुकाबला किया। मुझे इंतजार सीमा पर जाने का है।
बरेली, जेएनएन। Saheed Saraj Singh News : मेरा भाई अब नहीं रहा...। यह दर्द ताउम्र मेरे व परिवार के साथ रहेगा, लेकिन मुझे गर्व है कि वह देश की रक्षा में शहीद हुआ। उसने आखिरी दम तक आतंकियों का डटकर मुकाबला किया। मुझे इंतजार सीमा पर जाने का है। मौका मिलते ही आतंकियों को मारकर अपने भाई की शहादत का बदला लूंगा। यह शब्द हैं उस शख्स के जिसका भाई अब इस दुनिया में नहीं रहा।
यह जज्बात हैं उस सैनिक के जिसका भाई देश के दुश्मनों से माेर्चा लेते हुए वीरगति को प्राप्त हो गया। 6 आरआर (राष्ट्रीय रायफल्स) में तैनात सुखवीर सिंह अपने छोटे भाई के शहीद होने से परेशान तो थे, लेकिन स्वयं को दिलासा भी दे रहे थे। उनका कहना है जो मालिक ने तय किया है वही होगा। डरने से कुछ नहीं होता।
यही सोचकर वे लोग सेना में भर्ती हुए थे। तीनों भाइयों ने कभी डरकर ड्यूटी नहीं की। सारत की कमी हमेशा महसूस होती रहेगी, लेकिन जब उसकी याद आएगी तो यह सोचकर दिलासा दे देंगे कि वह देश के लिए बलिदान हुआ। एक सैनिक के लिए भला इससे ज्यादा गर्व की बात और क्या हो सकती है।
खाैलता है खून, आंखाें के सामने आता है लाचार चेहरा
भाई की शहादत पर सुखबीर सिंह का खून खौलता है जिसके बाद वह दुश्मनों से बदला लेने के लिए तिलमिलाते हुए नजर आते है। लेकिन कुछ देर बाद ही बेटे की मौत से गमजदा लाचार माता पिता का चेहरा भी उनकी नजरों के सामने आ जाता है। जिसके बाद वह खुद को संभालने का प्रयास करते है। सारज सिंह की शहादत की खबर मिलने के बाद से परिवार के सदस्यों की कुछ ऐसी है स्थिति नजर आती है। मां, पत्नी सहित परिवार के अन्य सदस्य भी दोहरी वेदना से गुजर रहे है। जिनकी आंखाें से आंसू लगातार बह रहे है।