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Loksabha election 2019: पहली सूची जारी होने के साथ थमी आंवला सीट पर फेरबदल की चर्चाएं

भारतीय जनता पार्टी की पहली सूची जारी होने से पहले बरेली की दो में एक सीट पर उम्मीदवार को लेकर संशय था।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Fri, 22 Mar 2019 04:14 PM (IST)Updated: Fri, 22 Mar 2019 04:14 PM (IST)
Loksabha election 2019: पहली सूची जारी होने के साथ थमी आंवला सीट पर फेरबदल की चर्चाएं
Loksabha election 2019: पहली सूची जारी होने के साथ थमी आंवला सीट पर फेरबदल की चर्चाएं

जेएनएन, बरेली : भारतीय जनता पार्टी की पहली सूची जारी होने से पहले बरेली की दो में एक सीट पर उम्मीदवार को लेकर संशय था। इसलिए क्योंकि आंवला में धर्मेंद्र कश्यप का टिकट कटवाने के लिए अपनों के साथ दूसरे दल के नेता भी प्रयासरत थे लेकिन ऐसा हुआ नहीं। पार्टी आलाकमान ने दूसरी मर्तबा भी उन पर भरोसा जता दिया। केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार के टिकट को लेकर किसी तरह की कोई अड़चन नहीं थी। वह आठवीं बार लोकसभा की दहलीज लांघने का प्रयास करेंगे।

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आंवला के सांसद धर्मेंद्र कश्यप पूर्व में पार्टियां बदलते रहे हैैं। इसे आधार पर बनाकर पार्टी के एक दूसरे जिले के विधायक उनका टिकट कटाकर अपना कराने की जुस्तजू में लगे थे। उनकी कोशिशों के चलते हर दिन कोई नई चर्चा राजनीतिक गलियारों में फैल रही थी। एक सप्ताह पहले तो खबर उड़ गई कि विरोधी दल के पूर्व सांसद को भाजपा आंवला से टिकट देने जा रही है। उन्होंने दिल्ली में पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली है। सोशल मीडिया में यह बात वायरल भी हो गई लेकिन भाजपा में किसी ने पुष्टि नहीं की। हर दिन एक नई चर्चा सामने आने से लगने लगा था कि आंवला में टिकट को लेकर फेरबदल हो सकता है। होली वाले दिन भाजपा ने पहली सूची जारी की तो साफ हो गया कि चर्चाएं फिजूल थीं। पार्टी ने आंकड़ों और जमीन पर प्रदर्शन के एतबार से धर्मेंद्र कश्यप को मजबूत माना। लिहाजा पहली सूची में ही उनका टिकट जारी कर दिया। दूसरी तरफ बरेली लोकसभा से टिकट की दौड़ में संतोष गंगवार के सामने कोई बड़ी चुनौती नहीं थी। हां, जिला मंत्री डॉ. नरेंद्र गंगवार ने टिकट के लिए आवेदन जरूर कर दिया था। इसका कोई खास प्रभाव न पडऩा था और न पड़ा। संतोष गंगवार को पार्टी ने लगातार ग्यारहवीं बार टिकट थमाया है। वह छह मर्तबा लगातार सांसद बने। 1982, 84 और फिर 2009 में चूक गए थे। 2014 में एक बार फिर से सांसद बने।  


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