बिना आदेश के ही बना दिए गए डलावघर, सड़कों के किनारे पड़े कूड़े से लोग परेशान
जनता तभी सकारात्मक फीडबैक देगी जब शहर साफ दिखाई देगा। सड़क किनारे कूड़े के ढेर देखकर तो ऐसा संभव नजर नहीं आ रहा है। शहर में बिना किसी आदेश 26 स्थानों पर डलावघर बना दिए गए हैं। यहां हर वक्त कूड़े के ढेर पड़े रहते हैं
बरेली, जेएनएन। स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 जल्द होना है। इसके लिए नगर निगम ने तैयारी भी शुरू कर दी है। खास बात यह कि इस बार लोगों की प्रतिक्रिया ही रैंकिंग में अहम रोल निभाएगी। जनता तभी सकारात्मक फीडबैक देगी जब शहर साफ दिखाई देगा। सड़क किनारे कूड़े के ढेर देखकर तो ऐसा संभव नजर नहीं आ रहा है। शहर में बिना किसी आदेश 26 स्थानों पर डलावघर बना दिए गए हैं। यहां हर वक्त कूड़े के ढेर पड़े रहते हैं। सफाई कर्मचारी ठीक से कूड़ा भी नहीं उठा रहा है। बावजूद इसके अधिकारी बेखबर बने हुए हैं।
आइवीआरआइ रोड : सुबह 11 बजे
आइवीआरआइ रोड पर ई-ब्लॉक की ओर जाने वाले रास्ते के ठीक सामने डलावघर बना दिया गया है। वहां हर वक्त कूड़ा बिखरा पड़ा रहता है। एशिया के जान-माने शोध संस्थान के बाहर गंदगी के कारण शहर की छवि खराब हो रही है। वहां से निकलने वाले तमाम लोग दुर्गंध के कारण परेशान हैं।
जनकपुरी रेलवे लाइन : सुबह 11.15 बजे
यहां आसपास के इलाकों का कूड़ा फेंका जाता है। खाली भूमि काफी दूर तक गंदगी से भर गई है। वहां कभी ठीक से सफाई नहीं होती। अक्सर कूड़ा सड़क तक बिखरा पड़ा रहता है। सफाई कर्मचारी भी यहां कूड़ा फेंककर जाते हैं। पास ही मंदिर होने के बावजूद वहां ठीक से सफाई नहीं होती।
सुभाषनगर खन्ना बिल्डिंग : सुबह 11.30 बजे
सुभाषनगर को जाने का मुख्य मार्ग। पुलिया से मुहल्ले में घुसते ही सड़क किनारे कूड़े का ढेर रहता है। लगातार कूड़ा पड़ने से यहां डलावघर बन गया है। नगर निगम के कर्मचारियों ने यहां की सफाई की थी, लेकिन काफी कूड़ा वहां पड़ा मिला। मुख्य मार्ग में दुर्गंध से बुरा हाल रहता है।
महानगर के सामने कूड़े का ढेर : दोपहर 12.00 बजे
पीलीभीत बाईपास पर महानगर कॉलोनी के सामने सड़क किनारे कूड़े का ढेर पड़ा हुआ है। मुख्य मार्ग के किनारे गंदगी के कारण आने-जाने वालों के सामने भी शहर की छवि खराब हो रही है। कॉलोनी में निकलने वालों को दुर्गंध झेलनी पड़ती है। यहां सफाई कर्मचारी ठीक से कूड़ा नहीं उठाते हैं।
केंद्रीय कारागार के पास भीषण गंदगी : दोपहर 12.15 बजे
मिनी बाइपास पर केंद्रीय कारागार के पास अवैध रूप से डलावघर बना दिया गया है। आसपास के कई मुहल्लों का सारा कूड़ा लाकर वहां फेंका जाता है। जितना कूड़ा आता है, उतना उठाया नहीं जाता। रोजाना दोपहर तक काम के बावजूद वहां कूड़े का ढेर हर वक्त लगा रहता है। भीषण दुर्गंध भी उठती है।
कर्मचारी नगर के सामने कूड़ा : दोपहर 12.30 बजे
मिनी बाइपास पर ही दूसरा डलावघर कर्मचारी नगर के सामने बना दिया गया है। वहां कूड़े के कारण हर वक्त जानवर घूमते रहते हैं। दोपहर तक सड़क पर कूड़ा बिखरा पड़ा रहता है। कूड़ा उठाने के कारण वहां सड़क किनारे गहरा गड्ढा हो गया है। उस में वाहनों के गिरने का भी डर बना रहता है।
क्या कह रहे हैं अधिकारी
सभी स्थाई व अस्थाई डलावघरों से रोजाना कूड़ा उठाया जाता है। इस बारे में कर्मचारियों को सख्त निर्देश दिए हुए हैं। अगर कभी कही थोड़ा कूड़ा बच भी जाता है तो दूसरे दिन उसे उठा दिया जाता है।
डॉ. अशोक कुमार, नगर स्वास्थ्य अधिकारी