Rohinkhand University News : एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय के दीक्षा समारोह में 90 टापर्स को मिले मेडल
Rohinkhand University News महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय में गुरुवार को 18वां दीक्षा समारोह हुआ। इसमें विश्वविद्यालय और उससे संबद्ध महाविद्यालयों के 90 मेधावी छात्रों को मेडल प्रदान किए गए। दीक्षा समारोह में कुलाधिपति राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्य अतिथि डिप्टी सीएम डा. दिनेश शर्मा ऑनलाइन जुड़े।
बरेली, जेएनएन।Rohinkhand University News : महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय में गुरुवार को 18वां दीक्षा समारोह हुआ। इसमें विश्वविद्यालय और उससे संबद्ध महाविद्यालयों के 90 मेधावी छात्रों को मेडल प्रदान किए गए। दीक्षा समारोह में कुलाधिपति राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्य अतिथि डिप्टी सीएम डा. दिनेश शर्मा, विशिष्ट अतिथि व उच्च शिक्षा राज्यमंत्री नीलिमा कटियार ऑनलाइन जुड़े। मुख्य अतिथि डा. दिनेश शर्मा ने कहाकि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का उद्देश्य भारत को ज्ञान के क्षेत्र में महाशक्ति बनाना है। वहीं कुलाधिपति व राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहाकि कोरोना काल में भी पठन पाठन में निरंतरता बनाए रखने वाले शिक्षक और छात्र बधाई के पात्र हैं।
दीक्षा समारोह सुबह 10 बजे शुरु हुआ। इसमें सभी छात्र छात्राएं एवं कुलपति व कुलसचिव शोभायात्रा के साथ एमबीए सभागार में पहुंचे। यहां मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर दीक्षा समारोह की शुरुआत की गई। इसके बाद कुलपति प्रो. केपी ङ्क्षसह की ओर से स्वागत संबोधन व संक्षिप्त प्रगति आख्या प्रस्तुत की गई। उन्होंने कहाकि मार्च, 2020 में लॉकडाउन होने पर शुरू के एक-दो महीने अनिश्चितता भरे रहे, लेकिन इसके बाद शिक्षकों और विद्यार्थियों ने बदले परिवेश में स्वयं को ढाल लिया जिससे विषम परिस्थितियों का भी सफलतापूर्वक सामना किया गया। विश्वविद्यालय की वेबसाइट, दूरदर्शन के चैनल जैसे ज्ञानदर्शन व विद्यावाणी, शिक्षकों द्वारा दी गई ऑनलाइन कक्षाओं, सोशल मीडिया प्लेटफॉम्र्स तथा यूट्यूब, फेसबुक लाइव, गूगल मीट, जूम, वेबैक्स आदि ने शिक्षकों को ना सिर्फ तकनीक से जोड़ा बल्कि पूरे देश और विदेश से भी विशेषज्ञों ने वेबिनार, ऑनलाइन वर्कशॉप से विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों के विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया।
महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन हेतु अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। इसके अंतर्गत डायरेक्टरेट ऑफ रिसर्च का गठन किया गया है यह निदेशालय पीएचडी उपाधि में प्रवेश से अवार्ड होने तक सभी गतिविधियों को एक ही जगह पर केंद्रीकृत रूप में प्रदान करने का कार्य करेगी। ऑफलाइन/ऑनलाइन माध्यमों से लगातार विद्यार्थियों की शोध उपाधि अवार्ड कराई जा रही है। इसके बाद मेधावी छात्र छात्राओं को मेडल प्रदान किए गए।
विशिष्ट अतिथि पद्मश्री डॉ. रविकांत ने शिक्षा की गुणवत्ता और छात्रों एवं शिक्षकों के बीच परस्पर सहयोग पर बल दिया। विदेश का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां शिक्षकों के गुणवत्ता का पूर्ण दायित्व छात्रों को दिया जाता है, छात्र जिस शिक्षक की ग्रेङ्क्षडग बेहतर बताते हैं उसी के अनुरूप शिक्षक को वेतन तथा भत्ते भी बढ़ जाते हैं। अगर छात्र किसी शिक्षक की गुणवत्ता कम कर दे तो उसी की तुलना में शिक्षक के वेतन तथा भत्तों में कटौती कर दी जाती है ग्रेडिंग छात्र फीडबैक फॉर्म के द्वारा संस्थान को उपलब्ध करवाते हैं। प्रोफेसर रवि कांत ने अमेरिका में किए गए अध्ययन के अनुसार बताया की वहां शिक्षा का स्तर बढऩे के साथ ही साथ व्यक्ति की आय का स्तर भी बढ़ता चला जाता है लेकिन हमारे देश में ऐसा नहीं होता।
मुख्य अतिथि डा. दिनेश शर्मा ने बताया कि नई शिक्षा नीति के तहत विद्यार्थियों और अभिभावकों को अत्यधिक लाभ देने की कोशिश की गई है। छात्रों पर पढ़ाई का बोझ कम होगा। छात्र देश के विकास में अहम भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि भारत को ज्ञान के क्षेत्र में महाशक्ति बनाना राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य है। इसके माध्यम से शिक्षा का सार्वभौमीकरण किया जाएगा। अंत में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने ऑनलाइन ही शोध निदेशालय का उद्घाटन और रुहेलखंड इन्क्यूबेशन फाउंडेशन भवन का शिलान्यास किया। कार्यक्रम का संचालन कुलसचिव डा. सुनीता पांडेय ने किया।