बरेली के रोहिलखंड मेडिकल कालेज में 123 बेड हैं खाली, फिर भी मरीज नहीं किए जा रहे भर्ती, जानिये किस वजह से मरीज भर्ती नहीं हो रहे
आपदा के समय में भी जिले के एल-3 लेवल के कोविड अस्पताल का कितना बुरा हाल है इसे जानना है तो रोहिलखंड मेडिकल कालेज के हाल देखें। 19 अप्रैल को एक आक्सीजन प्लांट में खराबी आई थी लेकिन अभी तक प्लांट को दुरुस्त नहीं कराया जा सका है।
बरेली, जेएनएन। आपदा के समय में भी जिले के एल-3 लेवल के कोविड अस्पताल का कितना बुरा हाल है, इसे जानना है तो रोहिलखंड मेडिकल कालेज के हाल देखें। 19 अप्रैल को एक आक्सीजन प्लांट में खराबी आई थी, लेकिन अब दस दिन बीतने के बाद भी प्लांट को दुरुस्त नहीं कराया जा सका है। यही नहीं, दो अन्य आक्सीजन प्लांट होने के बावजूद यहां आक्सीजन बेड पर सीमित मरीज हैं। जानकार बताते हैं कि अस्पताल के 123 बेड खाली हैं, जबकि इतने बेड पर सैकड़ों मरीज इलाज पाने के बाद स्वस्थ होकर घर जा सकते थे।
महज आइसीयू व वेंटीलेटर को ही लाइन
चूंकि रोहिलखंड मेडिकल कालेज एल-3 अस्पताल है। ऐसे में यहां आइसीयू के साथ वेंटीलेटर सपोर्ट सिस्टम भी है। आइसीयू में कुल 45 मरीज हैं। इनमें से 20 वेंटीलेटर सपोर्ट सिस्टम वाले बेड हैं। केवल यहां और आक्सीजन बेड के मरीजों को ही आक्सीजन सप्लाई हो रही है। बाकी मरीज यहां भर्ती ही नहीं किए जा रहे हैं।
मेडिकल कालेज में तीन प्लांट से है सप्लाई
रोहिलखंड मेडिकल कालेज में तीन प्लांट हैं। इनमें से जो प्लांट खराब हुआ वो 500 लीटर प्रति मिनट सप्लाई क्षमता का है। इसके अलावा इतनी ही क्षमता का एक और प्लांट लगा है। वहीं, एक आक्सीजन प्लांट 250 लीटर प्रति मिनट क्षमता का है। इन दो प्लांटों से आक्सीजन की सप्लाई की जा रही है।