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National Education Policy : रुहेलखंड बना राष्ट्र्रीय शिक्षा नीति लागू करने वाला पहला विश्वविद्यालय, जल्द जारी जारी करेगा पीएचडी का सर्कुलर

National Education Policy एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय पीएचडी का जल्द सर्कुलर जारी करेगा। इसके लिए आनलाइन प्रवेश शुरु होंगे। यह बात विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केपी सिंह ने कही। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने वाला पहला विश्वविद्यालय एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय बना है।

By Ravi MishraEdited By: Published: Tue, 03 Aug 2021 07:57 AM (IST)Updated: Tue, 03 Aug 2021 07:57 AM (IST)
National Education Policy : रुहेलखंड बना राष्ट्र्रीय शिक्षा नीति लागू करने वाला पहला विश्वविद्यालय, जल्द जारी जारी करेगा पीएचडी का सर्कुलर
National Education Policy : रुहेलखंड बना राष्ट्र्रीय शिक्षा नीति लागू करने वाला पहला विश्वविद्यालय

बरेली, जेएनएन। National Education Policy : एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय पीएचडी का जल्द सर्कुलर जारी करेगा। इसके लिए आनलाइन प्रवेश शुरु होंगे। यह बात विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केपी सिंह ने कही। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने वाला पहला विश्वविद्यालय एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय बना है। इसके साथ ही कई बड़े फैसले भी लिए गए हैं। विश्वविद्यालय इस बार कई नए कोर्स भी शुरु करने जा रहा है। कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय जल्द ही एकेडमिक कैलेंडर जारी करने वाला है। जिसके तहत सभी कार्य किए जाएंगे। इससे पहले 31 जुलाई को इंटरमीडिएट के सभी बोर्ड के परीक्षा परिणाम आ गए। जिसके तुरंत बाद विश्वविद्यालय ने एडमिशन ब्रोशर लागू कर दिया, जबकि पोस्टर पूर्व में ही जारी कर दिया था। जिसे तमाम विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों ने फालो किया।

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उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी कालेज के रजिस्ट्रेशन में खामी मिलने पर उसका रजिस्ट्रेशन निरस्त कर दिया जाएगा। महाविद्यालय को पहली बार परीक्षा एग्जामनर बनाने की स्वयं छूट दी गई है। पहली बार छात्रों को इंटरनल एग्जामनर ही अंक देगा। ऐसे में महाविद्यालयों की भी जिम्मेदारी है कि विश्वविद्यालय के इस विश्वास को बनाए रखे। जो ठीक से नियमों का पालन करेंगे वहां यह व्यवस्था आगे भी जारी रहेगी। जबकि अन्य को निरस्त कर दिया जाएगा। मेरिट में शामिल छात्रों का ही प्रवेश महाविद्यालय ले सकेंगे। महाविद्यालय अगर सोच रहे हैं कि वह गुपचुप एडमिशन कर लेंगे तो कालेज व छात्र दोनों पर कार्रवाई की जाएगी। जिन कालेज में शिक्षक, प्राचार्य अप्रूव नहीं होंगे। वहां के एडमिशन विड्रा कर लिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय नेशनल इंस्टीट्यूशन बनने की ओर अग्रसर है।

विश्वविद्यालय ने नहीं बढ़ाई फीस

कुलपति प्रो. केपी सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय ने कोरोना संक्रमण काल को देखते हुए इस वर्ष भी किसी प्रकार की कोई फीस नहीं बढ़ाई है। महाविद्यालयों को केवल 100 रुपये ही देना होगा। प्रवेश 31 अगस्त तक लिए जाएंगे। जबकि दो बार लेट फीस के साथ भी आवेदन स्वीकार्य किए जा सकेंगे। 15 सितंबर से कोई भी आवेदन स्वीकार्य नहीं किया जाएगा। महाविद्यालय आनलाइन व आफलाइन दोनों माध्यम से ही प्रवेश प्रक्रिया का चयन कर सकते हैं।

कालेज स्वयं नहीं करा रहे निरीक्षण

कुलपति ने बताया कि नए महाविद्यालय जो संबंद्धता के लिए आवेदन किए थे ने अपने को विड्राल कर लिया है। विश्वविद्यालय की ओर से गठित निरीक्षण दल को भेजने से मना कर रहे हैं। ऐसा करने वाले कालेजों की संख्या 20 से अधिक है। कुलपति ने बताया कि गठित निरीक्षण दल हर बिंदु पर अपनी रिपोर्ट दे रहा है। जिसके बाद ही मान्यता दी जा रही है। ऐसे में सख्ती को देखते हुए कालेज खुद बहाना कर निरीक्षण अभी न करने की बात कह रहे हैं।


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