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Inovation: रोबोटिक ट्रॉली कोरोना मरीजों तक पहुंचाएगी दवा और पानी

अब बिना कोरोना संक्रमित मरीजों के संपर्क में आए ही उनके पास तक खाना पानी और दवाएं आसानी से पहुंचाई जा सकेंगी। यह काम कोई इंसान नहीं रोबोट करेगा।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Tue, 04 Aug 2020 09:48 AM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2020 06:07 PM (IST)
Inovation: रोबोटिक ट्रॉली कोरोना मरीजों तक पहुंचाएगी दवा और पानी

बरेली, अखिल सक्सेना: अब बिना कोरोना संक्रमित मरीजों के संपर्क में आए ही उनके पास तक खाना, पानी और दवाएं आसानी से पहुंचाई जा सकेंगी। यह काम कोई इंसान नहीं, रोबोट करेगा। जी हां, बरेली के दमखोदा ब्लॉक के अपर प्राइमरी स्कूल हिस्मा के सहायक अध्यापक विज्ञान समर पाल ङ्क्षसह चौहान ने ऐसा ही आटोमेटिक रोबोटिक ट्रॉली तैयार की है। खास बात यह है कि मोबाइल एप से चलने वाली यह ट्रॉली 15 मीटर तक आसानी से सामान उठाकर ले जा सकती है। रोबोट और मोबाइल में अलग-अलग कैमरा लगा है, जिससे मरीजों की लोकेशन और स्थिति भी आसानी से देखी जा सकेगी। अब यह रोबोटिक ट्रॉली सरकारी अस्पताल में बतौर गिफ्ट उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे इसका इस्तेमाल किया जा सके।

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दमखोदा ब्लॉक के अपर प्राइमरी स्कूल हिस्मा में 23 सितंबर 2015 को बतौर सहायक अध्यापक गणित-विज्ञान समर पाल ङ्क्षसह चौहान को तैनाती मिली थी। उस समय स्कूल में करीब 70 छात्र-छात्राएं थे। समर बताते हैं कि उनके पास बीटेक मैकेनिकल इंजीनियङ्क्षरग की डिग्री है। इसलिए विज्ञान में बच्चों को कुछ नया इनोवेटिव सिखाने की सोची। सबसे पहले ब्लू टूथ कंट्रोल कार, वाई फाई और लेवल सेंसर कंट्रोल कार, दूरी नापने का यंत्र तैयार करके बच्चों को भी बताया। इससे उनमें भी उत्सुकता बढ़ी। अब कोविड-19 में कोरोना योद्धाओं जैसे डॉक्टर, नर्स आदि के जीवन को बचाने के लिए आटोमेटिक रोबोटिक ट्रॉली तैयार की है।

ढाई किलो तक उठ सकता है सामान

आटोमेटिक रोबोटिक ट्रॉली से संक्रमित मरीजों के संपर्क में आए बिना ही ढाई किलो तक सामान उसके पास तक आसानी से पहुंचाया जा सकता है। इसे देखकर बच्चे भी विज्ञान की टेक्नोलॉजी से रूबरू होंगे और नई चीजें सीख सकेंगे।

इन प्रमुख चीजों की लगी जरूरत

एक ट्रॉफी, दो गियर मोटर 30 आरपीएम, दो पहिए, आर्डिनो आधारित दो एंड्रायड माइक्रो कंट्रोलर, एक मोटर कंट्रोलर, रिसीवर सेंसर, 16 कैरेक्टर वाला एलसीडी, 12 बोल्ट की एक बैट्री।

ऐसे तैयार की रोबोटिक ट्रॉली

शिक्षक समर पाल बताते हैं कि सबसे पहले मोबाइल में आइएमटी एप इन्वेंटर वेबसाइट के जरिए इसका एप तैयार किया। फिर आर्डिनों साफ्टवेयर के लिए प्रोग्राम बनाकर उसमें अपलोड किया। एक मोबाइल कैमरा ट्रॉली पर लगाकर दूसरे मोबाइल में ऐप अपलोड कर लिया। फिर आइपी वेबकैम एंड्रायड सॉफ्टवेयर डाउनलोड किया। आइपी एड्रेस को ट्रॉली कंट्रोलर से जोड़ा। दोनों कैमरे को आपस में कनेक्ट करके चालू कर दिया। यह ओटोमेटिक रोबोटिक ट्रॉली मोबाइल एप बटन के साथ-साथ बोलने का कमांड देने से भी चलेगा।


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