Move to Jagran APP

बॉर्डर टैक्स की चोरी रोकने के लिए ईजाद किया गया यह नया तरीका

वाणिज्य कर विभाग ने ई-वे बिल का फर्जी खेल खत्म करने के लिए कमर कसी है। नई व्यवस्था एक नवंबर से लागू हो जाएगी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 09 Oct 2018 11:43 PM (IST)Updated: Wed, 10 Oct 2018 02:11 AM (IST)
बॉर्डर टैक्स की चोरी रोकने के लिए ईजाद किया गया यह नया तरीका
बॉर्डर टैक्स की चोरी रोकने के लिए ईजाद किया गया यह नया तरीका

जेएनएन, बरेली : वाणिज्य कर विभाग ने ई-वे बिल का फर्जी खेल खत्म करने के लिए कमर कसी है। फास्टैग के जरिये विभाग टैक्स की चोरी पर लगाम लगाएगा। इसके लिए प्रदेश की सीमाओं पर आरएफआइडी (रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन) टॉवर लगा दिए गए हैं। ई-वे बिल के जरिये सामान ले जाने वालों को वाहनों पर फास्टैग लगाना होगा। साथ ही फास्टैग की ई-वे बिल सिस्टम के साथ मैपिंग भी करानी होगी। सीमा पर लगे टॉवर ऐसे ट्रकों की आसानी से पहचान कर लेंगे। बिना मैपिंग वाले वाहनों को रोककर टैक्स वसूला जाएगा।

loksabha election banner

इस तरह रुकेगी टैक्स चोरी

ऐसा माल जिनके परिवहन से पूर्व ई-वे बिल निकाला जाना जरूरी है, उन्हें ले जाने वाले वाहनों की विंड स्क्रीन पर आरएफआइडी टैग जड़वाना होगा। इस टैग के साथ ई-वे बिल सिस्टम की मैपिंग जरूरी होगी। दोनों की मैपिंग होने के बाद जब वाहन बॉर्डर पार करेगा तो वहां लगे टॉवर में लगे उपकरण टैग की फ्रिक्वेंसी को पहचान लेंगे। फास्टैग नहीं होने या फिर मैपिंग नहीं होने पर वाहनों के निकलते ही अधिकारियों को मैसेज पहुंच जाएगा।

एक नवंबर से शुरू होगी योजना

वाणिज्य कर विभाग ने यूपी डेस्को संस्था को वाहनों में फास्टैग लगाने व मैपिंग कराने का काम दिया है। इसका शुल्क सौ रुपये प्रति टैग या फिर वाहन निर्धारित है। वाहनों की टैगिंग और मैपिंग के लिए प्रदेश में 37 स्थानों पर टैग वितरण केंद्र बनाए गए हैं। प्रदेश में एक नवंबर से यह व्यवस्था पूरी तरह शुरू करने की कोशिश है।

यह हो सकती है कार्रवाई

माल एवं वाहन अभिग्रहीत किया जा सकता है। अर्थदंड पड़ेगा।

- अर्थदंड की राशि माल के मूल्य और देय जीएसटी के योग के बराबर देने होंगे।

- माल एवं वाहन जब्त किया जा सकता है। माल की नीलामी भी संभव

- कर निर्धारण, फाइन, अर्थदंड आदि की कार्रवाई भी संभव है।

--------

एक नवंबर से नई व्यवस्था अनिवार्य हो जाएगी। राज्य की सीमाओं पर आरएफआइडी टावर लगाए गए हैं, जो ऐसे वाहनों की पहचान करेंगे।

- एसपी सिंह, एडिशनल कमिश्नर (एसआइबी), वाणिज्य कर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.