कमाई बढ़ाने के लिए रजिस्ट्री का टाइम स्लॉट घटा
सरकारी कमाई का बड़ा जरिया रजिस्ट्री भी है। लॉकडाउन में सरकार की उम्मीद से कम रजिस्ट्री हुईं रोजाना औसतन एक से दो करोड़ रुपये ही राजस्व आया।
बरेली, जेएनएन। सरकारी कमाई का बड़ा जरिया रजिस्ट्री भी है। लॉकडाउन में सरकार की उम्मीद से कम रजिस्ट्री हुईं, रोजाना औसतन एक से दो करोड़ रुपये ही राजस्व आया। शासन की समीक्षा में राजस्व बढ़ाने के लिए खाका तैयार करने को कहा गया। जिसके बाद रजिस्ट्री कराने के लिए दफ्तर आने वाले पक्षकार के टाइम स्लॉट को घटाया गया, जिससे ज्यादा लोगों को मौका मिले और राजस्व बढ़े। अब नया टाइम स्लॉट लागू होने के बाद रजिस्ट्री की संख्या 35-40 से बढ़कर 80 तक पहुंच गई है।
नई कार्ययोजना से राजस्व भी दोगुना हो गया है। दफ्तर के अंदर जल्दी निपटेंगे काम अभी पक्षकार रजिस्ट्री ऑफिस की आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन टाइम लेता है। उसी के मुताबिक दफ्तर में समय दिया जाता है। डीड राइटर यानी कातिब को दस्तावेज तैयार करने में करीब दो से तीन घंटे का समय लगता है। लेकिन दफ्तर के अंदर एक बाबू को रजिस्ट्री के दस्तावेज को अंतिम रूप देने में 12 से 15 मिनट का समय लगता है।
इस समय को घटाकर पांच से 10 मिनट तक लाए है। पांच से दस मिनट में पेपर तैयार अब ऑनलाइन टोकन लेने पर टाइम स्लॉट में ज्यादा से ज्यादा पक्षकारों को एक ही दिन में दफ्तर का अप्वाइंटमेंट मिलने लगा है। हालांकि ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट अनिवार्य नहीं है। अगर पक्षकार सीधे संपर्क करते हैं तो भी दफ्तर के अंदर पांच से दस मिनट के अंदर ही पेपर तैयार किए जा रहे हैं।
शासन के निर्देशों के बाद टाइम स्लॉट को घटाया गया है। इससे एक दिन में पहले की तुलना में दो गुनी रजिस्ट्री हो रही है। साथ ही पक्षकारों को अनावश्यक दफ्तर में परेशान भी नहीं होना पड़ रहा है। - ब्रजभान सिंह, एआइजी स्टांप
तीन दिन बाद खुला रजिस्ट्री दफ्तर, शारीरिक दूरी भूले लोग
एक कातिब कोरोना पॉजिटिव आने के बाद तीन दिन के लिए रजिस्ट्री दफ्तर को बंद हुआ था। सैनिटाइजेशन के बाद सोमवार को दफ्तर खुला तो पक्षकारों की भीड़ उमड़ पड़ी। शाम तक 194 प्रपत्र रजिस्टर्ड हुए। करीब 1.18 करोड़ रुपये का राजस्व मिला। कोतवाली पुलिस भी तैनात नहीं थी। इसकी वजह से पक्षकारों को नियंत्रित करना भी मुश्किल रहा। वहीं संक्रमण की वजह से बहेड़ी तहसील कार्यालय बंद रहा। सब रजिस्ट्रार प्रथम बृजेश कुमार ने कहा कि पक्षकारों को शारीरिक दूरी के लिए समझाया जा रहा है।