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वायुसेना में रह चुके हैं पायलट, अब लोगों को कर रहे ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूक

प्रेमनगर के इंदिरानगर के रहने वाले अनूप कुमार अग्रवाल की कहानी बेहद ही दिलचस्प है। सड़क किनारे खड़े होकर हाथ जोड़कर वह ट्रैफिक नियमों के पालन की अपील करते हैं। जागरूकता का उनका तरीका भी नायाब हैं। जहां भी वह खड़े होते हैं सिर पर हेलमेट पहने रहते हैं।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Mon, 28 Dec 2020 04:35 PM (IST)Updated: Mon, 28 Dec 2020 04:35 PM (IST)
वायुसेना में रह चुके हैं पायलट, अब लोगों को कर रहे ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूक
सात साल से ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूकता की जगा रहे अलख।

बरेली, जेएनएन। आंखों के सामने एक दर्दनाक हादसा। सवाल बस एक, काश मैं कुछ कर पाता। यहीं सवाल बरबस हर दिन दिलों दिमाग में कौंधने लगा। कुछ करने की तमाम चाहत थी लेकिन, नौकरी में होने के चलते समय की बाध्यता से कदम ठहर जाते। लिहाजा, सेवानिवृत्ति के बाद एक शख्स यातायात नियमों के प्रति जागरूकता के लिए वन मैन आर्मी बन काम कर रहा है। हाथ जोड़ नियमों के पालन का करबद्ध निवेदन कर रहा है। ऐसे शख्स का नाम है अनूप कुमार अग्रवाल।

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जी हां, प्रेमनगर के इंदिरानगर के रहने वाले अनूप कुमार अग्रवाल की कहानी बेहद ही दिलचस्प है। सड़क किनारे खड़े होकर हाथ जोड़कर वह ट्रैफिक नियमों के पालन की अपील करते हैं। जागरूकता का उनका तरीका भी नायाब हैं। जहां भी वह खड़े होते हैं, सिर पर हेलमेट पहने रहते हैं। कपड़े पर नियमों से जुड़े स्लोगन लिखे स्टीकर भी चिपकाए रहते हैं कि क्यों नियमों के पालन की आवश्यकता है। अनूठी पहल के चलते हर कोई उनसे जुड़ता है। नियमों के पालन का सहज ही संकल्प लेता है। वर्ष 2015 से अनूप अकेले ही इस कार्य में जुटे हैं। यातायात माह में विशेष रूप से एक माह हर दिन लोगों को जागरूक करने का बीड़ा उठाते हैं। इसके बाद भी वह लोगों को जागरूक करते दिखते हैं।अनूप वायुसेना में पायलट रह चुके हैं। बैंक में नौकरी लगने के चलते उन्होंने वायुसेना की नौकरी छोड़ दी।वर्ष 2013 में वह कैश ऑफिसर पद से सेवानिवृत्त हुए हैं।

अकेले ही चल पड़े

अनूप बताते हैं कि इस कार्य को शुरू करने के लिए कई लोगों से बातचीत की लेकिन, लोगों ने दिलचस्पी नहीं ली। हर कोई नफा-नुकसान की बात करता रहा। सेवानिवृत्त के बाद दो साल इसी में बीत गए। इसके बाद अकेले ही इस कार्य की शुरुआत की।लोगों का उत्साह देख साल लगातार जागरूकता के कार्य में जुड़ा हूं। अनूप के दो बेटे हैं, अतुल और आशीष। दोनों बेटे आइटी इंजीनियर हैं। 

यह था हादसा

अनूप बताते हैं कि वर्ष 2007 में मरघट फाटक के पास सड़क हादसा हुआ। ट्रक ने बाइक सवार को टक्कर मार दी जिससे बाइक पर पीछे बैठे युवक की मौके पर ही मौत हो गई। बाइक चालक बुरी तरह घायल हो गया। तभी से मन में था कि यातायात जागरूकता के लिए कार्य करना है।आंकड़े गवाह हैंं कि हर नियम का पालन न करने के चलते हादसों में सर्वाधिक लोग जान गंवाते हैं।

स्कूल और कॉलेजों का भी मिला साथ

अनूप के इस प्रेरक कार्य को देख स्कूल और कॉलेज संचालकों ने भी उनसे संपर्क साधा। यातायात नियमों के प्रति जागरूकता के लिए उन्हें आमंत्रित किया। तब से अनूप स्कूल और कॉलेजों में भी बच्चों को जागरूक कर रहे हैं।

संजीदगी से जुटे हैं अनूप

अनूप की पहल के बारे में टीआइ परवेज अहमद बताते हैं कि इस पहल से निश्चित रूप से लोग यातायात नियमों के प्रति जागरूक हो रहे हैं।अनूप इस कार्य में बेहद ही संजीदगी के साथ लगे हुए हैं। 


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