टैक्स नहीं देने पर आवासीय व व्यवसायिक भवनों को किया सील
शहर में बड़े बकाएदारों के खिलाफ नगर निगम ने बुधवार को भी कार्रवाई की। रोडवेज बस अड्डे के पास पूरा मार्केट सील कर दिया गया। पटेल नगर में भी दुकानों पर सीलिंग की कार्रवाई की। दुकानें सील करने के विरोध में दुकानदारों ने निगम पहुंचकर हंगामा किया।
बरेली, जेएनएन। शहर में बड़े बकाएदारों के खिलाफ नगर निगम ने बुधवार को भी कार्रवाई की। रोडवेज बस अड्डे के पास पूरा मार्केट सील कर दिया गया। पटेल नगर में भी दुकानों पर सीलिंग की कार्रवाई की। दुकानें सील करने के विरोध में दुकानदारों ने निगम पहुंचकर हंगामा किया। अधिकारियों के नहीं मिलने पर लौट गए।
वित्तीय वर्ष समाप्ति की ओर है और नगर निगम का टैक्स वसूली का लक्ष्य पूरा नहीं हुआ है। इसके चलते बकाएदारों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। बुधवार को नगर आयुक्त अभिषेक आनंद के निर्देश पर टैक्स विभाग की चार टीमों ने अपने क्षेत्रों में बकाएदारों पर कार्रवाई की। एक टीम रोडवेज बस अड्डे के पास स्थित मार्केट की 22 दुकानों को सील कर आई। जब दुकानदार वहां पहुंचे तो दुकानें सील देख हंगामा करने लगे। इसके बाद सभी ने नगर निगम पहुंचकर भी हंगामा किया। अधिकारियों से मिलने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं मिले। दुकानदारों ने आरोप लगाया कि उन्होंने दुकान मालिक को किराया दे दिया है, फिर भी उनकी दुकानों को सील कर दिया गया। दूसरी टीम ने राजेंद्र नगर के पास पटेल नगर में पहुंचकर दस दुकानों पर सीलिंग की कार्रवाई की। यह दुकानें नगर निगम की जमीन पर अवैध रूप से बनाई गई हैं। दिन भर की कार्रवाई में निगम की टीमों ने करीब 60 लाख रुपये बकाया टैक्स भी वसूल किया।
अपर नगर आयुक्त अजीत कुमार सिंह ने बताया कि टैक्स नहीं देने वालों के खिलाफ अभियान लगातार चलता रहेगा। बड़े बकाएदारों की सूची तैयार कर ली गई है। उनके प्रतिष्ठान सील किए जाएंगे। जरूरत पड़ी तो खाते भी अटैच किए जाएंगे।
धर्मदत्त सिटी हॉस्पिटल के पीछे फैक्ट्री, गोदाम सील
नगर निगम की टीम ने प्रेमगनर स्थित धर्मदत्त सिटी हॉस्पिटल के पीछे चलने वाली गत्ते की फैक्ट्री और नमक के गोदाम को भी सील कर दिया। अपर नगर आयुक्त ने बताया कि उन्हें भी नगर निगम की किराएदारी में शामिल होने को कहा गया है। वही, सिटी हॉस्पिटल के संचालक डॉ. अनुपम शर्मा ने बताया कि नगर निगम के पास अस्पताल खाली कराने का कोई आदेश नहीं है। उन्होंने हमें कोई नोटिस भी नहीं दिया है। सुप्रीम कोर्ट से भूमि का टाइटल (स्वामित्व) तय करने के लिए स्थानीय सिविल कोर्ट में जाने को कहा था, वहां वाद चल रहा है।