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अनामिका प्रकरण के बाद बरेली के कस्तूरबा स्कूलों की सामने आई ये हकीकत, मचा हड़कंप

कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में पिछले कई साल से अफसर नियमों की अनदेखी कर रहे हैं।

By Ravi MishraEdited By: Published: Mon, 08 Jun 2020 07:00 AM (IST)Updated: Mon, 08 Jun 2020 05:28 PM (IST)
अनामिका प्रकरण के बाद बरेली के कस्तूरबा स्कूलों की सामने आई ये हकीकत, मचा हड़कंप
अनामिका प्रकरण के बाद बरेली के कस्तूरबा स्कूलों की सामने आई ये हकीकत, मचा हड़कंप

बरेली, जेएनएन। कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में पिछले कई साल से अफसर नियमों की अनदेखी कर रहे हैं। वर्ष 2010 के बाद से प्रति विद्यालय एक विषय के लिए एक से ज्यादा शिक्षिकाओं की तैनाती न करने के निर्देश हैं। लेकिन अफसर हर साल नवीनीकरण के समय नियमों को दरकिनार करते रहे।

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नतीजा, केवल बरेली में ही 30 से 35 शिक्षिकाएं हैैं जो प्रति विद्यालय दो या ज्यादा विषय में तैनात हैैं। खासकर हिंदी और सामाजिक विषय में। राज्य परियोजना निदेशालय ने तीन जून को जिलेवार जानकारी मांगी तो ये लापरवाही सामने आई। अब बेसिक शिक्षा अधिकारी ने प्रति केजीबीवी (बा स्कूल) एक ही विषय में दो या अधिक शिक्षक-शिक्षिकाओं का ब्योरा भेज दिया है।

केंद्र सरकार की बालिका शिक्षा योजना के तहत कस्तूरबा आवासीय विद्यालय चलाए जा रहे। बरेली जिले में 18 विद्यालय हैं। इन स्कूलों में संविदा पर अंशकालिक यानी पार्ट टाइम, और पूर्ण कालिक यानी फुल टाइम टीचर व वार्डन रखे जाते हैं। संविदा की समयावधि 11 महीने 29 दिन होती है। फुल टाइम टीचर को 27 हजार रुपये प्रति माह जबकि पार्ट टाइम टीचर को हर महीने 22 हजार रुपये मिलते हैैं।

राज्य परियोजना कार्यालय से कस्तूरबा स्कूलों में एक ही विषय के दो या उससे अधिक शिक्षिकाओं की सूचना मांगी गई थी। करीब 30 से 35 शिक्षिकाएं इनमें शामिल हैं। इन पर निर्णय निदेशालय को लेना है।- चंद्रभान यादव, जिला समन्वयक बालिका शिक्षा, सर्व शिक्षा अभियान बरेली


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