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Ram Mandir Movement : पूर्व विधायक प्रमोद प्रधान हुए थे रासुका में निरुद्ध

पूरनपुर के पूर्व विधायक एवं राममंदिर आंदोलन के दौरान बजरंग दल के जिला संयोजक रहे प्रमोद प्रधान उर्फ मुन्नू बाबू कहते हैं कि वह ऐसा समय था

By Ravi MishraEdited By: Published: Fri, 31 Jul 2020 07:00 PM (IST)Updated: Fri, 31 Jul 2020 07:00 PM (IST)
Ram Mandir Movement  : पूर्व विधायक प्रमोद प्रधान हुए थे रासुका में निरुद्ध
Ram Mandir Movement : पूर्व विधायक प्रमोद प्रधान हुए थे रासुका में निरुद्ध

पीलीभीत, जेएनएन। पूरनपुर के पूर्व विधायक एवं राममंदिर आंदोलन के दौरान बजरंग दल के जिला संयोजक रहे प्रमोद प्रधान उर्फ मुन्नू बाबू कहते हैं कि वह ऐसा समय था, जब राम मंदिर के लिए जन भावनाओं का ज्वार उठा था। तत्कालीन सरकार के इशारे पर जिला प्रशासन ने उन्हें राष्ट्रीय सुुरक्षा कानून में निरुद्ध कर दिया गया था। उनके साथ बेटे नीरज प्रधान उर्फ नीशू को भी पुलिस गिरफ्तार करके ले गई थी।

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बेटा उन दिनों आठवीं कक्षा में पढ़ता था। राममंदिर आंदोलन की यादों को साझा करते हुए पूर्व विधायक बताते हैं कि वर्ष 1990 में आंदोलन अपने चरम पर पहुंच रहा था। उन दिनों राम ज्योति अयोध्या से आई थी। उन्हें संगठन की ओर से यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी कि गांव-गांव इस राम ज्योति को ले जाकर लोगों से दीपावली की दीप इसी से प्रज्जवलित कराएं। इससे पहले शिला पूजन कार्यक्रम में भी आम लोगों ने भारी उत्साह दिखाया था। राम ज्योति अभियान के दौरान ही उन पर एनएसए लगाकर गिरफ्तार कर लिया गया। उन्हें बदायूं के जिला कारागार में रखा गया था।

दीपावली की रात उन्होंने देखा कि जेल का फाटक खुुला हुआ है। वह दो मोमबत्तियां जलाकर बैरक से निकलकर जेल के गेट पर आए और दोनों मोमबत्तियां वहां रोशन करके जय श्रीराम के नारे लगाए। जेल में सैकड़ों कार्यकर्ता थे, वहां संघ की शाखा भी लगाते रहे। उन्हें जेल की बैरक संख्या 12 में रखा गया जबकि बेटा नाबालिग होने के कारण उसे अलग बैरक संख्या पांच में बंद किया गया था। ऐसे में पूरनपुर में उनकी पत्नी सुभाषिनी प्रधान सक्रिय रहीं। उन्होंने महिलाओं को संगठित करके राममंदिर की अलख जगाए रखी।

जेल जाने से पहले यहां विश्व ङ्क्षहदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक ङ्क्षसघल व बजरंग दल के प्रदेश संयोजक विनय कटियार भी आए थे। मध्य प्रदेश के राज्यपाल रहे लालजी टंडन ने भी यहां का दौरा कर रामभक्तों का उत्साह बढ़ाया था। पूर्व विधायक राममंदिर आंदोलन के बारे में बताते हुए अत्यंत भावुक हो जाते हैं। बोले- कई साथी अब इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन उनका सपना अब पूरा होने जा रहा है। अयोध्या में श्रीराम की जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का बनना एक नए युग की शुरुआत है। 


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