आपदा में चमकी चांदी की राखी, सोना बना हुनर Shahjahanpur News
चाइनीज उत्पादो के बहिष्कार से सोने चांदी की राखी की चमक रुहेलखंड से लेकर अवध तक बढ़ गई है। इस बार स्वर्णकार कारीगरों के गत वर्ष के सापेक्ष दूने से भी ज्यादा आर्डर मिला हे।
शाहजहांपुर, जेएनएन। चाइनीज उत्पादो के बहिष्कार से सोने चांदी की राखी की चमक रुहेलखंड से लेकर अवध तक बढ़ गई है। इस बार स्वर्णकार कारीगरों के गत वर्ष के सापेक्ष दूने से भी ज्यादा आर्डर मिला हे। इससे चांदी व सोना गलाकर राखी बनाने वाले हुनरबाजे बेहद खुश है। लखनऊ, बरेली, हरदोई, फर्रूखाबाद तथा मुरादाबाद से लगातार आर्डर मिल रहे हैं। कारीगरों ने राखी बनाने के लिए अन्य आभूषणों को बनाना इन दिनों कम कर दिया है।
तीन पीढ़ी से सोना चांदी की राखी तैयार करने वाले गोङ्क्षवद प्रसाद वर्मा के पास इस बार लखनऊ, बरेली हरदोई से सोन व चांदी की राखी की डिमांड आ चुकी है। फर्रुखाबाद व मुरादाबाद के व्यापारी भी संपर्क में हैं। 500 रुपये से दो हजार तक चांदी की राखी तथा आठ हजार से 15 हजार में सोने की राखी तैयार कर वह आपूर्ति कर रहे है।
इस तरह तैयारी होती सोने चांदी की राखी
राखी उत्पादन का मुख्य केंद्र है चौक । यहां नेहाई, हथौड़ा, चिमटी, प्लास, जन्ती एसिड व लेजर टार्च आदि की मदद से चांदी की राखी बनाई जाती है। कारीगर सिद्धांत वर्मा बताते है कि पहले चांदी को भट्टी की मदद से गलाया जाता। इसके बाद मशीन पत्ता और तार बेला जाता हे। इलेक्ट्रानिक मशीन से पॉलिस करके चांदी कीराखी पैङ्क्षकग करके बाजार में उतार दिया जाता है।
शाहजहांपुर की चांदी और सोने की राखी पूरे प्रदेश में प्रसिद्ध है। यहां से बरेली, लखनऊ समेत दर्जन भर जिलों में राखी की आपूर्ति होती है। चाइनीज राखी बंद होने से दूने से भी ज्यादा आर्डर मिले हैं।
गोविंद प्रसाद वर्मा