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एफसीआइ के एसडब्ल्यूसी गोदाम पर छापा, धान से लेकर गुणवत्ता व स्टॉक की जांच

दूध का जला छाछ भी फूंक-फूंककर पीता है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 Jan 2019 12:08 AM (IST)Updated: Wed, 23 Jan 2019 12:08 AM (IST)
एफसीआइ के एसडब्ल्यूसी गोदाम पर छापा, धान से लेकर गुणवत्ता व स्टॉक की जांच
एफसीआइ के एसडब्ल्यूसी गोदाम पर छापा, धान से लेकर गुणवत्ता व स्टॉक की जांच

जेएनएन, बरेली : दूध का जला छाछ भी फूंक-फूंककर पीता है। पिछले साल एफसीआइ के गोदामों में घटिया खाद्यान्न भरे जाने से 33 करोड़ के घोटाले के बाद केंद्रीय खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्रालय चौकन्ना हो गया। मंगलवार को मंत्रालय की टीम ने जिले में भुता स्थित सेट्रल वेयर हाउस कारपोरेशन (एसडब्ल्यूसी) के गोदाम पर छापा मारा। सुबह से शाम तक इस सीजन में खरीदे गए धान की गुणवत्ता, नमी, स्टॉक आदि की जांच की। इससे गोदाम प्रभारी से लेकर ठेकेदारों तक में खलबली मच गई। टीम ने गुणवत्ता तो संतोषजनक बताई, लेकिन नमूने भी भरे हैं।

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लखनऊ, हैदराबाद से आए अधिकारी

सुबह करीब दस बजे सहायक क्षेत्रीय निदेशक खाद्य, लखनऊ डोरीलाल टीम के साथ भुता के अलमोनीपुर नवादा गांव स्थित गोदाम में पहुंचे। दल में हैदराबाद व लखनऊ के क्वालिटी कंट्रोलर भी थे। लाट की बोरियां खुलवाकर खरीफ फसल के चावल की नमी मापी। रखरखाव परखा। टीम भीतर, माफिया होते रहे अंदर-बाहर सूत्रों के मुताबिक छापेमारी के दौरान स्थानीय अफसरों में खलबली मची थी, लेकिन खाद्यान्न माफिया इस दौरान भी भीतर तक आते-जाते दिखे। टीम ने मीडिया से दूरी बनाए रखी, जिससे छापेमारी सवालों के घेरे में आ गई। खुला था 33 करोड़ का गोलमाल बीते वर्ष खरीदे गए गेहूं और चावल की खराब गुणवत्ता से बड़ा घोटाला खुला था। शाहजहांपुर, बरेली, सहारनपुर, मुरादाबाद, फैजाबाद, गोरखपुर, आजमगढ़ के गोदामों से 504 नमूने भरे गए थे। जांच में 101 फेल पाए गए, जिनमें 72 गेहूं व 29 चावल के थे। कुल 33 करोड़ का घोटाला हुआ था। जागरण ने मामला उजागर किया तब मंत्रालय तक गूंज हुई और जांच शुरू हुई। वर्जन-

खरीफ सीजन में पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत देशभर में मंत्रालय के निर्देश पर टीम गोदामों में खाद्यान्न की गुणवत्ता चेक कर रही है। बरेली में भी इसलिए अधिकारी पहुंचे हैं। रिपोर्ट मिलने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

- विजय पराशर, महाप्रबंधक गुण नियंत्रक, उत्तर आंचलिक कार्यालय, नोएडा इस गोदाम की क्षमता करीब साढे़ 15 हजार मीट्रिक टन है। टीम के विशेषज्ञों ने गहनता से जांच पड़ताल की। खाद्यान की स्थिति संतोषजनक मिली है।

-डॉ. जयवीर सिंह, क्वालिटी कंट्रोलर, एफसीआइ


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