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बरेली में बारिश होते ही धंस गई नई बनी पक्की सड़क, जलभराव में फंस गए कई वाहन

Newly built paved road collapsed in rain जैसा अंदाजा था कि बारिश हुई तो सीवर लाइन प्रोजेक्ट वाले एरियों की पक्की सड़कें बैठने लगेंगी।वैसा ही हुआ।शनिवार को ढाई घंटे की बारिश में शहर में जगह-जगह जलभराव तो हुआ ही।जंक्शन रोड पर स्वर्ण टावर होटल के बाहर सड़क धंस गई।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Sun, 13 Jun 2021 09:51 AM (IST)Updated: Sun, 13 Jun 2021 09:51 AM (IST)
बरेली में बारिश होते ही धंस गई नई बनी पक्की सड़क, जलभराव में फंस गए कई वाहन
गांधी उद्यान से चौकी चौराहा तक भी सड़क उखड़ने लगी है, जबकि ये सड़क नई बनी थी।

बरेली, जेएनएन। Newly built paved road collapsed in rain : जैसा अंदाजा था कि बारिश हुई तो सीवर लाइन प्रोजेक्ट वाले एरियों की पक्की सड़कें बैठने लगेंगी।वैसा ही हुआ।शनिवार को ढाई घंटे की बारिश में शहर में जगह-जगह जलभराव तो हुआ ही।जंक्शन रोड पर स्वर्ण टावर होटल के बाहर सड़क धंस गई। कोई हादसा न हो इसलिए वहां पर बैरियर लगा दिया गया। गांधी उद्यान से चौकी चौराहा तक भी सड़क उखड़ने लगी है, जबकि ये सड़क नई बनी थी। चौपुला पर सर्विस लेन के पास कच्ची मिट्टी का भराव करके लोगों के निकलने की व्यवस्था की गई, लेकिन बारिश के बाद यहां भी कच्ची मिट्टी की बनी सड़क धंस गई। पूरे दिन लोग परेशान होते रहे।

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रेलवे ट्रैक डूबा, गनीमत रही ट्रेनें कम चल रही : शनिवार सुबह हुई ढाई घंटे की बरसात ने जंक्शन की सफाई व्यवस्था की पोल खोल दी। जंक्शन के सर्कुलेटिंग एरिया से लेकर प्लेटफार्म व रेलवे ट्रैक तक डूब गया। गनीमत रही कि इस बीच कोई यात्री ट्रेन न होने से कोई ट्रेन प्रभावित नहीं हुई। प्लेटफार्म के साथ ही रेलवे ट्रैक पर भरे पानी को देख अधिकारी भी हैरान हो गए। कोई ट्रेन प्रभावित न हो इसके लिए तत्काल सफाई कर्मचारियों को लगा रेलवे ट्रैक पर भरे पानी को निकलवाया गया। प्लेटफार्म के मुख्य प्रवेश द्वार पर पानी भरा होने से टीटीई को कुर्सी के ऊपर पैर रखकर बैठना पड़ा।

बारिश से गन्ना, धान-मूंगफली को फायदा : शनिवार सुबह हुई झमाझम बारिश के बाद फसलों पर भी इसका प्रभाव देखने को मिला। गन्ना, मूंगफली, धान की बेड़ व मक्के की फसल को जहां बारिश ने फायदा पहुंचाया, वहीं दलहन की फसलों के लिए यह बारिश नुकसान देह बताई गई है। जिला कृषि अधिकारी धीरेंद्र सिंह चौधरी ने किसानों को सलाह दी है कि फसल कोई भी हो, किसान खेत में ज्यादा से ज्यादा समय तक पानी का ठहराव न होने दें। इससे फसल को नुकसान पहुंचेगा। जनपद में कृषि लोगों का मुख्य व्यवसाय है।

यहां लाखों हेक्टेयर क्षेत्रफल में अलग-अलग फसलों की खेती होती है। जिनमें धान, गन्ना, दलहन, तिलहन, मूंगफली व अन्य फसलें शामिल हैं। शनिवार सुबह ढाई घंटे हुई तेज रफ्तार बारिश हुई। बताया कि मौसम के दृष्टिगत गन्ना, धान की बेंड़, मूंगफली व मक्का आदि में सिंचाई की दरकरार थी, बारिश ने फसलों में पानी की कमी को पूरा किया है। वहीं मूंग व उर्द जैसी दलहन की फसलें तैयार खड़ी थीं, बारिश के बाद इन्हें नुकसान पहुंचने की आशंका है।


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