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Indian Railway : निजीकरण के विरोध में रेल संगठन बोले- देश भर में गठित होगी रेल बचाओ, देश बचाओ समितियां

निजीकरण को रोकने के लिए देशभर में जन आंदोलन होगा। जिसको आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन व नार्दन रेलवे मेंस यूनियन धार देगा। जिसके लिए देशभर के रेलवे स्टेशन पर रेल बचाओ देश बचाओ समितियां गठित की जाएगी। ताकि कर्मचारियों का रोजगार छिनने से बच सके।

By Ravi MishraEdited By: Published: Sun, 04 Oct 2020 05:37 PM (IST)Updated: Sun, 04 Oct 2020 05:37 PM (IST)
Indian Railway : निजीकरण के विरोध में रेल संगठन बोले- देश भर में गठित होगी रेल बचाओ, देश बचाओ समितियां

शाहजहांपुर, जेएनएन। निजीकरण को रोकने के लिए देशभर में जन आंदोलन होगा। जिसको आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन व नार्दन रेलवे मेंस यूनियन धार देगा। जिसके लिए देशभर के रेलवे स्टेशन पर रेल बचाओ, देश बचाओ समितियां गठित की जाएगी। ताकि कर्मचारियों का रोजगार छिनने से बच सके। यह बात रविवार को आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन व नार्दन रेलवे मेंस यूनियन के महामंत्री शिव गोपाल मिश्र ने डेलीगेट के चुनाव के दौरान कही। उन्होंने कहा कि देश के 7600 रेलवे स्टेशन पर गठित होने वाली यह समितियां निजीकरण का विरोध करने के लिए पूरे देश को एकजुट करेगी।

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इसके अलावा यात्री व रेल कर्मचारियों की समस्याओं को भी सामने लाने का काम इन समितियों के सदस्य करेंगे। उन्होंने कहा कि निजीकरण के अलावा कर्मचारियों से जुड़ी अन्य समस्याओं के निस्तारण के लिए भी यूनियन आंदोलन करेगा। जिसमे खाली पदों पर भर्ती, जर्जर आवास, पुरानी पेंशन बहाली समेत तमाम मुद्दे शामिल किए जाएंगे। जिनके लिए फेडरेशन काफी समय से आवाज उठा रहा।

डॉक्टर व समाजसेवी होगे शामिल

15 अक्टूबर तक गठित होने वाली इन समितियों में 15 से 20 सदस्यों को शामिल किया जाएगा। जिसमे रेल कर्मचारियों के अलावा डॉक्टर, समाजसेवी व दैनिक यात्रियों को शामिल किया जा सके। ताकि वह निजीकरण से होने वाले नुकसान के बारे में पहले खुद जान सके उसके बाद दूसरों को एकजुट करने के लिए प्रेरित कर सके।

संसद का होगा घेराव, तय करेंगे रूपरेखा

शिवगोपाल मिश्र ने कहा कि समितियों का गठन होने के बाद फेडरेशन नवंबर माह में संसद का घेराव करेगा। यदि उसके बाद भी निजीकरण को लेकर सरकार ने कर्मचारी विरोधी नीतियों पर गौर नहीं किया तो आगे जन आंदोलन की रुपरेखा तय की जाएगी।


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