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रेलवे के अधिकारियों ने हाईकोर्ट का नहीं माना निर्देश, कोर्ट ने अवमानना का दिया नोटिस

गौलापार हल्द्वानी निवासी रविशंकर जोशी ने 2013 में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि अवैध खनन की वजह से गौला पुल को खतरा पैदा हो गया है। इसी याचिका में कहा गया था कि गफूर बस्ती में रेलवे की भूमि में अतिक्रमण किया गया है।

By Sant ShuklaEdited By: Published: Fri, 25 Dec 2020 08:20 AM (IST)Updated: Fri, 25 Dec 2020 09:48 AM (IST)
रेलवे के अधिकारियों ने हाईकोर्ट का नहीं माना निर्देश, कोर्ट ने अवमानना का दिया नोटिस
अवमानना का नोटिस जारी करते हुए तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।

बरेली, जेएनएन।  नैनीताल हाई कोर्ट ने गफूर बस्ती हल्द्वानी में रेलवे की जमीन पर जमे अतिक्रमणकारियों के मामलों का निस्तारण अब तक नहीं किए जाने के मामले को गंभीरता से लिया है। कोर्ट ने पूर्वोत्तर रेलवे के इज्जतनगर मंडल के डीआरएम आशुतोष पंत व नैनीताल के स्टेट अफसर विवेक कुमार सिंह को अवमानना का नोटिस जारी करते हुए तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।

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गौलापार हल्द्वानी निवासी रविशंकर जोशी ने 2013 में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि अवैध खनन की वजह से गौला पुल को खतरा पैदा हो गया है। इसी याचिका में सुनवाई के दौरान तथ्य आया कि रेलवे स्टेशन हल्द्वानी से सटी गफूर बस्ती में रेलवे की भूमि में अतिक्रमण किया गया है। साथ ही अवैध खनन कर यहां एकत्र भी किया जा रहा है। नौ नवंंबर 2016 को हाई कोर्ट ने गफूर बस्ती से अतिक्रमण हटाने का आदेश पारित किया था। इसके बाद अतिक्रमणकारियों ने हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की। सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम आदेश पारित करते हुए याचिकाकर्ताओं को नोटिस देकर उनका पक्ष सुनने के निर्देश रेलवे को दिए थे। पिछले साल याचिकाकर्ता ने फिर से कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर कहा कि रेलवे द्वारा मामले में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। कोर्ट ने रेलवे के स्टेट अफसर से 31 मार्च 2020 तक अतिक्रमणकारियों के लंबित 4465 वादों के निस्तारण के निर्देश दिए थे। इसी बीच याचिकाकर्ता ने सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी जुटाई, जिसमें रेलवे की ओर से मार्च से कोरोना लॉकडाउन का हवाला देते हुए बताया गया कि करीब चार सौ प्रार्थना पत्रों का निस्तारण अंतिम चरण में है। इसके बाद रविशंकर ने हाई कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की। गुरुवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने मामले को सुनने के बाद स्टेट रेलवे अफसर व डीआरएम इज्जतनगर मंडल को कोर्ट की अवमानना का नोटिस जारी कर तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए। इस संबंध में डीआरएम आशुतोष पंत ने बताया कि माननीय न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन शीघ्र किया जाएगा।


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